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अमेरिका ने भारत लौटाईं 660 करोड़ की चोरी हुई मूर्तियां

वॉशिंगटन: अफगानिस्तान से दोस्ती, कतर से 23 भारतीयों की रिहाई और स्विट्जरलैंड सरकार से ब्लैकमनी वापस लाने का वादा लेने के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार देर रात अमेरिका पहुंच गए। जैसे ही मोदी प्लेन से उतरे, सपोर्टर्स ने ‘मोदी-मोदी’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। मोदी ने सबसे पहले भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला को श्रद्धांजलि दी।

इसके बाद व्हाइट हाउस से भी बड़े ब्लेयर हाउस पहुंचे। यहां अमेरिका ने देवी-देवताओं की शताब्दियों पुरानी वे मूर्तियां मोदी को सौंपीं जो कभी भारत से चुराकर विदेशों में बेची गई थीं। इनकी कुल कीमत 660 करोड़ बताई जा रही है। मोदी आज ही ओबामा से भी मिलेंगे और यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल में स्पीच देंगे। बुधवार को यूएस कांग्रेस को ऐड्रेस करेंगे। मोदी का यह चौथा अमेरिकी दौरा है।

मोदी पांच देशों के दौरे पर हैं। दो दिन वे यूएस में रहेंगे। ये उनका चौथा अमेरिका दौरा है। इससे पहले मोदी सितंबर 2014, सितंबर 2015 और मार्च 2016 में अमेरिका जा चुके हैं।पहली बार वे अमेरिका की स्टेट विजिट पर हैं। ब्लेयर हाउस में हुए एक प्रोग्राम में अमेरिका ने 200 ज्यादा मूर्तियां भारत को लौटाईं। ये मूर्तियां चोरी होकर विदेश में बेच दी गई थीं।अमेरिका द्वारा लौटाई गई मूर्तियों की कुल कीमत करीब 100 मिलियन डॉलर(660 करोड़ रुपए) है।

मोदी ने इस मौके पर कहा, ”कुल लोगों के लिए ये केवल पैसों की बात हो सकती है। लेकिन यूएस के लिए ये उससे कहीं ज्यादा है। ये हमारे कल्चर और हैरिटेज का हिस्सी है।” इनमें देवी-देवताओं की कुछ मूर्तियां ब्रॉन्ज और टेरा-कोटा की हैं। कुछ ऐसे स्टैचू भी हैं जो 2 हजार साल से ज्यादा पुराने हैं।  इन मूर्तियों को भारत के प्राचीन और फेमस धार्मिक स्थानों से चुराया गया था।   इनमें चेन्नई के सिवन मंदिर से चुराई गई संत मानिकविच्वकर की मूर्ति भी है। इसकी कीमत करीब 10 करोड़ है।