आप यहाँ पर हैं
होम > इंडिया (India) > अलीगढ़ से दिल्ली जाने वाली इस ट्रैन में हो सकता है आपके साथ खतरनाक हादसा, रहे होशियार

अलीगढ़ से दिल्ली जाने वाली इस ट्रैन में हो सकता है आपके साथ खतरनाक हादसा, रहे होशियार

अलीगढ़: दिल्ली को सपनों का शहर कहा जाता है सैंकड़ों लोग अपने सपनों की तलाश मे वहाँ जाते हैं पर क्या आपको पता है कि अलीगढ़ दिल्ली ईएमयू मे सफर करना आपके लिए कितना बुरे सपने जैसा साबित हो सकता है। आप तड़के सुबह सुबह तयार होकर लंबी लाइन मे टिकट हासिल करके (जो की जंग जीतने जैसा अनुभव होता है) ट्रेन मे बैठते हैं क्यूंकी ट्रेन अलीगढ़ से ही बन के चलती है।

आपको पूरी ट्रेन लगभग खाली ही मिल जाती है और तभी आप सोचते हैं की अब तो अलीगढ़ तक आराम से बैठ कर आप चले ही जाओगे तभी अचानक ट्रेन जैसे ही खुर्जा स्टेशन पहुँचती है रोज मर्रा ऑफिस जाने वालों का जन सैलाब ट्रेन मे उमड़ पड़ता है तब भी ये सोचते हैं आप तो अपनी सीट पर बैठे ही है आपको क्या दिक्कत आने दीजिए भीड़ को मैं तो आराम से खिड़की के किनारे बैठ कर दिल्ली पहुँच ही जाऊंगा ! पर थोड़ी ही देर बाद अहसास होने लगता है की दिल्ली अभी बहुत दूर ! क्यूंकी जब आप अपनी सीट पर आराम से ट्रेन के बाहर के नज़ारों का आनंद ले रहे थे तभी एक बंदा आपके सामने खड़े होकर बोलता है (लगभग धमकाने वाले अंदाज मे) “या तो तू खड़ा हो जा या मेरी गोद मे बैठ जा “ जी हाँ आपने सही सुना वो आदमी आपके सामने मात्र दो ऑप्शन ही रख रहा है की या तो आप खड़े खड़े जाएँ या उसकी गोद मे बैठकर जाएँ और अगर आपने उसे मना किया या बहस की तो वो सीधे आपके ऊपर हाथ छोड़ देगा और अगर आप इस नए आधुनिक भारतीय समाज के सभ्य नागरिक हैं तो आप बेज्जती का कड़वा घूंट पीकर रह जाएंगे फिर आप फोन उठाकर 100 नंबर डायल करेंगे तो वो भी आपका साथ नहीं देगा क्यूंकी उस वक़्त उसकी सभी लाइने बिज़ि होंगी।

0

जी हाँ यह कोई खयाली पुलाव नहीं बल्कि सच्ची घटना है और ऐसी घटनाएँ रोज हो रही हैं और भोले भाले नागरिक इंका शिकार हो रहे हैं । दरअसल रोज ऑफिस के लिए ट्रेन मे चलने वाले लोग ट्रेन मे बैठे आम नागरिकों पर अपना रोआब झाड़ना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं क्यूंकी पहले तो कोई इन असभ्य लोगों से उलझता नहीं है और अगर उलझता भी है तो ये लोग समूह मे चलते हैं । ट्रेन मे बीड़ी या सिगरेट पीना , बेहद ही नीच और अभद्र भाषा का उपयोग करना इनका रोज का काम है ये लोग हद तो तब हो जाती है जब ये महिलाओं से साथ भी बदतमीजी करने से भी नहीं चूकते । आप पुलिस के पास जाते हैं तो वो भी आपकी बात को तवज्जो नहीं देते क्यूंकी इन “छोटी छोटी ” घटनाओं को देखने के लिए उनके पास टाइम नहीं है जीआरपी भी बस बातें करने के अलावा कुछ नहीं करती।

9

ट्रेन मे धूम्रपान को बैन हुए एक लंबा अरसा गुज़र गया है पर ट्रेनों मे अब भी लोग सिगरेट या बीड़ी पीते हुए दिख जाएंगे । पर क्या इन सब बातों के लिए सिर्फ रेल्वे पुलिस या रेलवे प्रशासन जिम्मेदार है ?? नहीं , क्यूंकी जब उस आम आदमी के साथ ट्रेन मे रोज जाने वाले लोग बदतमीजी कर रहे थे तो उनसे जादा आम जनता उस ट्रेन मे बैठी थी वो चाहती तो ऐसी घटना बिलकुल भी न होती पर क्या करें हमारा समाज भी अंधा बहरा और गूंगा हो गया है जिसे दूसरों की परेशाने से कोई लेना देना नहीं है। इस लेख के साथ बदतमीजी करने वाले एक युवक की फोटो प्रतिपादित की जा रही है। (frontlinexpress.com)

Top