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आखिर दंगे चुनाव आने से पहले ही क्यों होते हैं, बिजनौर कांड था पहले से ही प्लान किया हुआ: मौलाना अरशद मदनी

बिजनौर: जमीअत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी कल बिजनौर पहुंचे। उन्होंने यहां हुए दंगे में शिकार हुए लोगों से मुलाकात की। उन्होंने यहां के हालात का जायजा लिया और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर रोष जताया।

उन्होंने यह भी कहा कि यह सब कुछ साजिशन प्री प्लान तरीके से हुआ है, आखिर ये फसाद चुनाव करीब आने पर ही क्यों होते हैं? मौलाना अरशद मदनी ने बातचीत के दौरान कहा कि यह घटना ऐसी जगह हुई है, जहां कभी फसाद नहीं हुआ। वहां लोगों ने बताया है कि यहां के एक बीजेपी नेता ने आकर जाटों के लड़कों को लेकर ऊंचे-ऊंचे मकानों के ऊपर से तीन ओर से फायरिंग की। उस वक्त मुस्लिम समुदाय के लोग खाने-पीने में मशगूल थे। एक इंस्पेक्टर, एक कांस्टेबिल और दो होमगार्ड वहां मौजूद थे। लोगों का यह भी कहना है कि होमगार्ड ने भी जाटों के साथ मिलकर फायरिंग की।

मदनी कहते हैं छर्रो व गोलियों के निशान वहां मकानों की दीवारों पर मौजूद हैं। जो लोग छर्रे लगने से जख्मी पड़े हैं, उनमें औरतें भी हैं और मर्द भी। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ‘क्या इंस्पेक्टर के पास मोबाइल फोन नहीं था?’। जो एसएसपी को मामले की जानकारी देते। एसएसपी ढाई घंटे के बाद वहां पहुंचे हैं, जबकि एसएसपी के बंगले से ये जगह एक-डेढ़ किमी से ज्यादा नहीं है। बीजेपी नेता का नाम पीड़ितों द्वारा दी जा रही शिकायत में था। लेकिन सदर विधायक रुचि वीरा ने उसका नाम निकलवा दिया। यह सब कुछ प्रीप्लान तरीके से हुआ है। सवाल पैदा होता है कि प्रशासन चौंकन्ना क्यों नहीं है। जब चुनाव आते हैं तब ही क्यों इस तरह के फसाद होते हैं।

दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए, वर्ना आज बिजनौर में यह फसाद हुआ है, कल कहीं और भी हो सकता है।

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