25 ज़ीक़ादा सन 10 हिजरी क़मरी को पैग़म्बरे इस्लाम (हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम) अपने एक लाख साथियों को लेकर हज के लिए मदीने से निकले। मक्का से मदीना पलायन करने के बाद पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने तीन बार मक्का जाकर काबे की ज़ियारत का प्रयास किया किंतु उन्हे केवल दो बार (स) ही हज करने का अवसर मिला। उन्होंने अपनी अंतिम यात्रा में लोगों को सही हज करने के नियमों से अवगत कराया।
हज से लौटते समय रास्ते में ग़दीर नामक स्थान पर पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने सभी हाजियों को इकटठा करके अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा की। यह नाम हज़रत अली अ का था यह पैग़म्बरे इस्लाम का अंतिम हज था। इसके बाद वे कुछ ही महीनों में इस संसार से विदा हो गये।