इलाहाबाद: देश का संविधान किसी को भी राष्ट्रगान के अपमान की अनुमति नही देता। लेकिन सविधान के विरुद्ध इलाहाबाद का यह स्कूल बीते दस वर्षो से अपना संविधान चला चलते हुए राष्टगान को ही प्रतिबंधित कर रखा है। एक और 15 अगस्त को लेकर तैयारियां के बीच इलाहाबाद के एक स्कूल से चौंकाने वाले समाचार मिल रहें है। इस स्कूल में राष्ट्रगान पर बीते दस साल से रोक लगी है और राष्ट्रगान के प्रतिबन्ध के विरुद्ध आवाज उठाने वाले आठ शिक्षकों को स्कुल से निष्काषित कर दिया गया है।
मीडिया में समाचार दिखाए जाने के बाद जागे प्रशासन ने अब स्कूल में राष्ट्रगान ना गाने दिए जाने की जांच के आदेश दिए हैं। इस स्कूल में नर्सरी से आठवीं तक की पढ़ाई होती है और लगभग 800 बच्चे पढ़ते हैं। इस स्कुल में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते है बावजूद इसके भी स्कूल में न तो जन गन मन की अनुमति है और ना ही सरस्वती वंदना की। स्थानीय मिडीया के अनुसार, स्कूल के मैनेजर ने कहा कि, वह स्कूल में राष्ट्रगान गाने नहीं देंगे क्योंकि राष्ट्रगान में भारत भाग्य विधाता के भारत शब्द से हमें आपत्ति है। मैनेजर का कहना है कि, भारत, हमारे भाग्य का विधाता कैसे हो सकता है ? भाग्य का विधाता तो सिर्फ ईश्वर है इस वजह से हम गाने नहीं देंगे। जो हमारे धर्म इस्लाम के भी विरुद्ध है। स्कूल के मैनेजर ने राष्ट्रगान पर प्रश्नचिन्ह करते हुए कहा कि, राष्ट्रगान में भारत भाग्य विधाता के भारत शब्द से उन्हें आपत्ति है जब तक राष्ट्रगान में इस पंक्ति में भारत नहीं हटाया जाता वह स्कूल में राष्ट्रगान गाने नहीं देंगे।