ईद उल अज़हा के दिन यह सुन्नते हैं, जिन पर हर हाल में अमल करें. इसकी बहुत ही ज़्यादा फ़ज़ीलत है.
1- सुबह को सवेरे उठना
2- ग़ुस्ल करना
3- मिस्वाक करना
4- पाक साफ उम्दा कपडे पहनना
5- खुशबु लगाना
6- ईद की नमाज़ से पहले कुछ ना खाना
7- ईद गाह को जाते हुए बुलंद आवाज़ से तकबीर पढ़ना
क़ुरबानी एक अहम् इबादत है और “शाईर ए इस्लाम” में से है! सूरह कोसर में अल्लाह तआला ने अपने रसूल को हुक्म दिया हे के जिस तरह नमाज़ अल्लाह के सिवा किसी की नहीं हो सकती क़ुरबानी भी उसी के नाम पर होनी चाहिए! हुज़ूर ने हिजरत के बाद दस साल मदीना में क़याम फ़रमाया हर साल बराबर क़ुरबानी करते थे! क़ुरबानी की इबादत सिर्फ तीन दिन के साथ मख़सूस है दुसरे दिनों में क़ुरबानी की कोई इबादत नहीं! क़ुरबानी के दिन “ज़िल हिज्जा” की दसवीं, गियारहवीं और बारहवीं तारीखें हैं! इसमें जब चाहे क़ुरबानी कर सकता है! अलबत्ता पहले दिन करना अफ़ज़ल है!
हमारी ओर से भी आप सभी को ईद की बहुत मुबारकबाद.