श्रीनगर: कश्मीर में बुरहान वानी के सेना के हाथो मारे जाने का विरोध करने वाले कश्मीर के पत्थरबाज अब सेना के खिलाफ तेजाब की बोतलों का प्रयोग कर रहे है। अर्धसैनिक बलों के अनुसार कश्मीर में उन्हें विकट परिस्थितियों में कश्मीरी पत्थरबाजों का सामना करना पड़ता है।
वही सीआरपीएफ ने पहले ही साफ़ कर दिया है की उनके पास पैलेट गन का अन्य कोई विकल्प नहीं है इसलिए इसका प्रयोग बंद नहीं हो सकता। सेना के अधिकारी ने कहा की सुरक्षाकर्मी भी इंसान होते है और जब कोई प्रदर्शनकारी उनके बहुत निकट पहुँच जाता है तभी उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए पैलेट गन का प्रयोग करना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा की पैलेट गन का प्रयोग बहुत ही गंभीर स्थितियों में होता है। जब हजारो की संख्या में पत्थरबाज उन पर हमला करते है और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं दीखता तभी वे इसका प्रयोग करते है।
इसलिए ये कहा जा सकता है की कश्मीर में तैनात सेना के जवान बहुत ही कठिन परिस्थितियों में इन पत्थरबाजो का सामना करते है। जब कभी इनकी आक्रोशित भीड़ हजारो की संख्या में जवानों पर हमला करती है या बंकर लुटती है तभी उसके खिलाफ पैलेट गन का प्रयोग किया जाता है। लेकिन अब पत्थरबाजो द्वारा सेना के खिलाफ तेज़ाब की बोतलों का प्रयोग करने के कारण सेना ने अपनी रणनीति बदलने की सोची है जिसके लिए उसे सरकार की आज्ञा लेनी पड़ेगी। गौरतलब है की आतंकी बुरहान वानी को एनकाउंटर में मार गिराने के बाद से आतंकी के समर्थन में हजारो कश्मीरी सडको पर निकले है और इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक 45 से अधिक लोग मारे जा चुके है जो सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करते थे।