लखनऊ: मुस्लिम धर्म गुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डॉ.कल्बे सादिक ने कहा कि मस्जिदों और इमामबाड़ों में ग्रेनाइट (पत्थर ) चमकाने से कौम की तरक्की नहीं होने वाली। इससे बेहतर है कि स्कूल और कॉलेजों को बढ़ावा दिया जाए।उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली में जामा मस्जिद और इंग्लैंड में ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी का निर्माण साथ शुरू हुआ।
दोनों यूनिवर्सिटी से जाने कितने ही साइंटिस्ट और डॉक्टर निकले, मगर जामा मस्जिद से क्या हासिल हुआ?यसा रिजवी मार्ग के लोकार्पण के मौके पर कल्बे सादिक ने कहा-मस्जिदों और इमामबाड़ों में पैसा खर्च करने से अच्छा है कि स्कूल-कॉलेज बनाएं ताकि कौम के साथ सबको इसका लाभ पहुंचे।कौम तरक्की करे और अच्छा समाज बन सके।
उन्होंने कहा कि मस्जिदों को बनाने का कुरान में हुक्म है ताकि इबादत गुजार बन सकें वहां से सियासत करने का हुक्म नहीं।मौलाना ने कहा कि सियासी लीडर व प्रशासनिक पौध पैदा करने के लिए स्कूल कॉलेज और युनिवर्सिटी को मुसलमान तरजीह दें। मस्जिदों के मुतवल्लियों पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मस्जिद का मुतवल्ली पाक किरदार होना चाहिए।पाकीजा लोग मस्जिद के मुतवल्ली बनें लेकिन आज मस्जिद के मुतवल्ली दलाल हैं और प्रापर्टी डीलर हैं।इसे रोकना होगा।