लंदन: बीबीसी से बात करते हुए मोइन अली ने कहा, “मैं सोचता है कि मेरी जिम्मेदारी है कि इस्लाम, मुस्लिमों और ब्रिटिश एशियाई लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। ये काफी सकारात्म चीज है”।
साथ ही ऑल राउंडर मोइन अली ने माना है कि उनके लिए क्रिकेट से ज्यादा महत्वपूर्ण उनका धर्म है। वो इस्लाम के लिए क्रिकेट भी छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम की वजह से वो फ्री महसूस करते हैं और इसकी वजह से उन्हें काफी खुशी होती है।
अपने धर्म की वजह से मुझे फ्री महसूस होता है। जब मैं 18-19 साल का था, तब मैंने सोचा था कि मुझे ऐसी ही जीवन जीना है। ये एकलौती ऐसी चीज है, जिससे मुझे खुशी मिलती है। क्रिकेट मेरे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इस्लाम से ज्यादा नहीं। अगर मुझे क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा तो ये मेरे लिए आसान होगा।