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गूगल पर इन 6 चीज़ो को सर्च करने से आप पड़ सकते हैं मुश्किल में

गूगल पर आप जो भी कुछ सर्च करते हैं उसका वह पूरा रिकॉर्ड रखता है। गूगल की यही वजह आपको मुसीबत में भी डाल सकती है। हालांकि गूगल पर अच्छी चीजें सर्च करते हैं तो यह आपके लिए नॉलेज बढ़ाने और काम की साबित हो सकती है, लेकिन कई ऐसी चीजें भी होती है जिनके बारे में आपको इस पर सर्च करना महंगा पड़ सकता है।

ऐसे में हम यहां आपको 6 ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन पर सर्च करना आपके लिए रिस्की हो सकता है।

1. इनसिक्योरिटीज से संबंधित सर्च
आप जैसे ही गूगल पर अपनी किसी भी प्रकार की इनसिक्योरिटीज से संबंधित सर्च करते हैं तो आपके पास उससे जुड़े एड आने शुरू हो जाएंगे। इससे आपको पता चल जाएगा कि आपको इंटरनेट पर फोलो किया जा रहा है। यदि आप चाहते हैं कि आपकी इनसिक्योरिटीज का मजाक नहीं बनाया जाए और उससे संबधित एड नहीं दिखाए जाएं तो आप ऐसी इनसिक्योरिटीज के बारे में सर्च इंजन पर सर्च नहीं करें।

2. अपना ईमेल एड्रेस नहीं करें सर्च
आपको अपना ईमेल एड्रेस कभी भी गूगल सर्च इंजन में नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने पर आपका अकाउंट हैक होने, पासवर्ड लीक होने और किसी स्कैम में फंसने के चांसेज काफी बढ़ जाते हैं।

3. क्रिमिनल एक्टिविटीज के बारे में सर्च
गूगल पर भूलकर भी सस्पिशियस चीजें सर्च नहीं करें। क्योंकि ऐसा करने पर हो सकता है कि आपके घर पुलिस की रेड पड़ जाए। अमरीका में एक कपल के प्रेशर कुकर (प्रेशर कुकर बॉम्ब समझकर) और बैकपैक सर्च करने पर एफबीआर उसके घर की तलाशी लेने पहुंच गई थी।

4. पहचान बताने वाली चीजों के बारे में सर्च
गूगल आपकी सर्च के अनुसार आपकी आइडेंटिडी पता करने के लिए पूरा सर्च करती है। गूगल के पास आपकी सर्च हिस्ट्री का पूरा डेटाबेस होता है। इसके लीक होने पर मुसीबत आ सकती है। इसके अलावा आपकी आइडेंटिटी के आधार पर ही आपको एड भेजे जाते हैं।

5. अपनी लोकेशन की सर्च
रिसचर्स के मुताबिक यदि आप गूगल पर अपनी लोकेशन से संबंधित सर्च करते हैं तो यह रिस्की हो सकता है। इसकी वजह से आपके होमटाउन, पड़ोसी, उम्र और सेक्स का पता लगाना बेहद आसान होता है। गूगल जब चाहे इसका यूज कर सकता है। आपकी प्राइवेसी को इससे खतरा हो सकता है।

6. हेल्थ और मेडिकल ड्रग्स की सर्च
यदि आप गूगल पर बीमारी और मेडिसिन से जुड़ी कोई भी चीज सर्च करते हैं तो यह डेटा थर्ड पार्टी को ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस आधार पर आपको उस बीमारी से ट्रीटमेंट से संबंधित एड दिखाए जाते हैं। यह लीक हुई मेडिकल जानकारी क्रिमिनल वेबसाइट्स को भी शेयर की जाती है। ये मेडिकेड फ्रॉड तथा अन्य कई स्कैम में यूज होती है।

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