नई दिल्ली: एक साल पहले सुर्खियाँ बटोरने वाले नोएडा के बिसाहड़ा कांड को कौन भूल पाया है। मामले में मोहम्मद अखलाक की जान गई, बेटा अधमरा हुआ, मामले की जांच के शुरूआती दौर में अख़लाक़ का परिवार पीड़ित होने के साथ विवादों के घेरे में रहा। क्योंकि जांच रिपोर्ट में अख़लाक़ के घर गौ मांस होने की बात सामने आई है।
मगर अब इस मामले में नया मोड़ आया है। शुक्रवार को थाना जारचा में अखलाक के परिवार के लोगों के खिलाफ गोहत्या मामले में आईपीसी की धारा 3/8 और 3/11 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई गई है। अखलाक के परिवार के सदस्यों – मां असगरी, पत्नी इकरामन, बेटे दानिश, बेटी साहिस्ता, भाभी सोना, छोटे भाई जान मोहम्मद के खिलाफ अदालत के आदेश पर जारचा कोतवाली पुलिस ने गोहत्या निवारण अधिनियम और पशुक्रूरता निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामले को लेकर अखलाक के परिवार के वकील का कहना है कि निचली अदालत के फैसले को वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। बता दें कि बिसाहड़ा के ग्रामीण सूरजपाल ने मथुरा की फोरेंसिक रिपोर्ट में बीफ की पुष्टि होने के बाद कोर्ट में 156(3) सीआरपीसी के तहत याचिका दर्ज कराई थी। एक महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने गुरुवार को अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। उल्लेखनीय है कि बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर, 2015 (बकरीद) की रात गोरक्षकों की भीड़ ने गोमांस खाने और घर में रखने के आरोप में अख़लाक़ की पीटकर और सिलाई मशीन से सिर कुचलकर हत्या कर दी थी। इस दौरान गोहत्या के कारण गुस्साई भीड़ ने अख़लाक़ के बेटे को भी अधमरा कर दिया था।