ज़मीन पर सबसे पहले यही मक़ाम उभरा यानी बना जहां काबा यानी खुदा का घर बना हुआ है. कुरान और साइंस दोनों के मुताबिक काबा पूरी दुनिया के बीच यानी सेंटर में है. काबा ऐसी जगह पर है जिसके ऊपर से आज तक कोई हवाई जहाज़ या परिंदा नहीं गुज़रा ना ही चांद या सूरज कभी इसके ऊपर आते हैं. काबे को फरिश्तों ने ज़मीन पर कुछ भी पैदा करने से एक हज़ार साल पहले तामीर किया जिसकी बुनियाद सातों ज़मीन तक है.
काबे को हज़रत आदम ने इंसानों में सबसे पहले बनाया जिसे तूफाने नूह में उठा लिये जाने के बाद खुदा के हुक्म से हज़रत इब्राहीम ने हज़रत इस्माईल की मदद और हज़रत जिब्रील की निगरानी में बनाया. काबे के एक कोने में लगा खास पत्थर हिज्रे अस्वद जो बरोज़े हश्र हाजियों की शफाअत करेगा वो जन्नत में शजरे ममनूआ का निगरा फरिश्ता था जो अपनी गैर हाज़री में खा लिये जाने की पादाश में खुदा की नज़रे हैबत से जौहर बना कर खरासान के पहाड़ अबु कुबैस में बतौर अमानत रखा गया जिसे खुद उस पहाड़ ने आकर हज़रत इब्राहीम को सोंपा फिर खुद को मक्के में ही रखना पसंद किया.
काबे में लगे हिज्रे अस्वद की चमक जहां तक पहुंची वहां तक काबे की हद मुक़र्रर हुई दूसरी रिवायत में हज़रत आदम की तौबा क़ुबूल होने पर जमा फरिश्तों के दायरे या आपके जन्नती बाल उड़कर जहां तक फैले काबे की हद बना दी गई. काबे की तामीर से बचे पत्थर हज़रत इब्राहीम की दुआ पर चली एक हवा ने उड़ाकर पुरी दुनिया में फैला दिये जहां बड़ा पत्थर गिरा जामा मस्जिद जहां छोटा पत्थर गिरा छोटी मस्जिद क़यामत से पहले तामीर होनी है. खुदा के हुक्म से हज़रत इब्राहीम ने कोहे शिफा या जबले अबु कुबैस पर खड़े होकर काबे के हज का ऐलान किया जिसे खुदा के बंदों ने अपनी मांओं के पेट या बापों की पुश्त में सुनकर जिसने जितनी बार लब्बैक कहा उतनी बार उसे हज करने मिलेगा.
काबे के वास्ते पनाह मांगने वाले हर बनी आदम से अल्लाह के राज़ी होने का ज़िक्र रिवायत में है. काबे का तवाफो ज़्यारत करने वालों में तमाम बज़ुर्गों की शिफारिश ह0 इब्राहीम जवानों की ह0 इस्माईल अधेड़ों की ह0 इस्हाक औरतों की ह0 साराह लोंडी गलामों की ह0 हाजरा के ज़रिये इनकी दुआओं पर मंज़ूर करने का खुदा ने वादा दिया है. काबे की हद में एक रकअत नमाज़ पढ़ने पर एक लाख रकअत पढ़ने का सवाब और एक माहे रमज़ान के रोज़े रखने पर एक लाख माहे रमज़ान के रोज़े रखने के बराबर सवाब मिलता है.
एक बज़ुर्ग हज़रत सूफयान सूरी के मुताबिक हाजी को अपने 70 घरवालों की शिफारिश करने की इजाज़त मैदाने महशर में दी जायेगी. काबा बरोज़े हश्र सबसे पहले महबूबे खुदा हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहे वसल्ल्म की क़ब्रे अनवर की ज़्यारत करेगा फिर आप स0अ0व0 को अपना तवाफ करने वालों हज के रास्ते में इंतक़ाल करने वालों और हज का इरादा करने वाले उम्मतियों की शिफारिश खुद खुदा से करने की बशारत देगा।