चेन्नई: तमिलनाडु के नागापट्टिनम में तकरीबन 250 दलित परिवारों ने इस्लाम में धर्म परिवर्तन की धमकी दी है। उनका आरोप है कि उन्हें मंदिर में घुसने नहीं दिया गया। साथ ही वहां आयोजित होने वाले त्योहार में मंदागपड़ी करने नहीं दी जा रहा है। वेदरान्याम के नजदीक स्थित कलीमेडू के पजंगालिमेडू में 200 दलित परिवारों ने दावा किया है कि उन्हें मंदिर पर त्योहार आयोजित करने के लिए मना किया गया।
वहीं, कुरुर के मलाइकोविलुर के नजदीक नागमपल्ली के 35 से ज्यादा दलित परिवारों का आरोप है उन्हें महाशक्ति अमान मंदिर में घुसने से रोक दिया गया। जबकि, मंदिर उनके सहयोग से ही बना था। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पजंगालिमेडू में विवाद का विषय भद्रकाली अम्मान मंदिर में आयोजित होने वाला सलाना आदी त्योहार है। वहां हिदूं जाति के लोग मंदागपड़ी का आनंद लेते हैं। दलितों का दावा है कि मंदिर वास्तविक रूप से उनके ही क्षेत्र में बना था, जो कई साल पहले आए बाढ़ की वजह से दूसरी जगह सिफ्ट हो गया।
दलित समर्थक पार्टी के पदाधिकारी एन सेंथिल ने मांग की है, ‘ उनके पास मंदिर के उनके क्षेत्र में स्थित होने के कोई सबूत नहीं हैं। उन्हें उनके पूर्वजों ने बताया है कि मंदिर पहले वहां था। अब वह वहां होने वाले पांच दिन के त्योहार में एक दिन मंदागपड़ी का अधिकार चाहते हैं।’ इसके अतिरिक्त दलितों का दावा है कि उनके इस्लाम कबूल करने की खबर फैलने के बाद तमिलनाडु तोवहीद जमात के सदस्य उनसे मिले थे। वहीं, कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने उनसे संपर्क किया था और आश्वस्त किया था कि इसका सौहार्दपूर्ण समाधान मिल जाएगा।