आगरा: सुषमा स्वराज के एक ट्वीट पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव से एक रूसी महिला की मदद कर दी। यह महिला आगरा में अपनी सास के घर के बाहर धरने पर बैठी थी। बताया जा रहा था कि दहेज की मांग के चलते यह सास अपनी रूसी बहू और उसकी तीन साल की बेटी को घर के अंदर नहीं आने दे रही है।
सुलह के बाद सास ने कहा कि विवाद दहेज का नहीं था। कल्चरल डिफरेंस की वजह से दोनों में अनबन थी। रूसी नागरिक ओल्गा एफिमेनकोवा ने 2011 में विक्रांत सिंह चंदेल से आगरा में शादी की थी। ओल्गा बीते शनिवार से इंद्रपुरी इलाके में अपनी सास के घर के बाहर धरने पर बैठी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ओल्गा और उनके हसबैंड विक्रांत बेटी के साथ गोवा में रहते हैं। बिजनेस में नुकसान झेलने के बाद ओल्गा आगरा आ गईं। लेकिन विक्रांत के घर वालों ने इस कपल को अंदर नहीं आने दिया। विक्रांत की मां निर्मला चंदेल पर आरोप है कि उन्होंने प्रॉपर्टी अपनी बेटी को गिफ्ट कर दी है जो वहां एक स्कूल चलाती है। ओल्गा धरने पर बैठ गईं और प्रॉपर्टी में अपने हसबैंड के शेयर की डिमांड करने लगीं। यह भी आरोप लगाया कि सास दहेज की मांग कर रही है। इसलिए ओल्गा, उसके पति विक्रांत और तीन साल की बेटी को घर में नहीं आने दे रही है।
मीडिया में मामला सामने आने पर सुषमा ने किया ट्वीट, अखिलेश ने पहुंचाई मदद। सुषमा ने रविवार को ट्वीट में लिखा- “अखिलेश जी, कृपया इस महिला की मदद करें।” इस पर अखिलेश ने ट्वीट किया- हां। हम मदद कर रहे हैं। इसके बाद देर रात अखिलेश ने एक और ट्वीट कर कहा- सुसराल वालों की काउंसलिंग के बाद महिला को उसके परिवार से मिला दिया गया है। सीएम ऑफिस ने सास-बहू की एक फोटो भी ट्वीट की।