नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया के हॉस्टल में छात्रों के बीच उस समय हलचल मच गई जब अचानक ही वहां पर दिल्ली पुलिस द्वारा औचक जांच के लिए पहुंची। हॉस्टल के विद्यार्थियों ने यह आरोप लगाया कि उनके छात्रावासों में दिल्ली पुलिस द्वारा औचक जांच कि गई। विद्यार्थियों ने इस बात का विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन किया। जहां एक ओर छात्रावास के विद्यार्थियों ने इसे छापेमारी करार दिया है वहीं दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों ने इसे नियमित जांच का हिस्सा बताया।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस से पहले उस इलाके में यह जांच की जाती है।प्रदर्शनकारी विद्यार्थीयों में से एक छात्र ने कहा कि यह विद्यार्थियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। जामिया के छात्र बीते शनिवार शाम से ही धरने पर बैठे हैं। नेशनल दस्तक के रिपोर्टर निसार सिद्दीकी ने बताया कि यहां पर छात्रों ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस छात्रावास के अंदर हथियारों के साथ आई थी। बता दें कि जामिया के छात्रावास में पुलिस बीते शनिवार शाम को औचक जांच के लिए पहुंची थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रों को हथियार दिखाकर जान से मारने की धमकी भी दी गई। जामिया के एफआरके, अल्लामाह इकबाल, कैलाट, एसआरके, ख्वाजा और अंबेडकर हॉस्टल में पिछले चार दिन से छात्रों में रेड की अफवाह फैलाई जा रही थी।
छात्रों ने बताया कि पुलिस वाले वहां पर आठ गाड़ियों में आए थे लेकिन जब छात्रों ने पुलिस को हॉस्टल के अंदर आने से रोकना चाहा तो पुलिसवाले ने कहा हम खाली हाथ नहीं है। बताया यह भी जा रहा है कि पुलिस वालों ने छात्रों से झूठ बोला कि वह प्रॉक्टर से परमिशन ले कर आए हैं। तो वहीं छात्रों का कहना है कि जब वहां प्रॉक्टर मेहताब आलम आए तो उन्होंने किसी भी प्रकार की परमिशन नहीं देने की बात कही। लेकिन जब छात्रों ने जोर देकर पूछा कि पुलिस कैसे अंदर आ सकती है तो प्रॉक्टर मेहताब आलम ने कहा कि मैंने इन्हें गेट नंबर चार तक जाने की परमिशन दी थी ना कि अंदर जाने की।
छात्र ने आगे जानकारी देते हुए बाताया कि प्रॉक्टर ने पुलिस को किसी भी माफीनामे के बैगर जाने दिया। छात्रों का विरोध इस बात को लेकर है कि यूनिवर्सिटी में पुलिस नहीं आ सकती। तो पुलिस अब कैसे छात्रावास में आ गई। छात्रों का कहना है कि अगर प्रॉक्टर ने पुलिस को इजाजत नहीं दी है तो इस बात को कहने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करे और कहे की उन्होंने पुलिस को ऐसी कोई परमिशन नहीं दी है।छात्रों का आरोप है कि आखिर हॉस्टल में भय का मौहोल पैदा करने की कोशिश क्यों की गई। उनका कहना है कि दिल्ली पुलिस या फिर गृह मंत्रालय इस चीज को क्लियर करे की पुलिस यहां पर क्यों आई थी। साथ ही साथ छात्रों ने मांग की है कि जामिया प्रशासन जो पुलिस को को अंदर आने से रोकने में नाकाम रहा है वह अपना इस्तीफा दे। छात्रों का प्रदर्शन जारी है और वह दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।