मुसलमानो के अलावा और जो दीगर कौम दुनिया के अंदर मौजूद है उन तक इस्लाम सिर्फ आतंकवाद के रूप में सामने आया है। हाल ही में इस्लाम के लिए और मानव जाती के लिए खतरा बन चुके isis जैसे आतंकवादी संघठन ने अपनी घटनाओं को अंजाम देते हुए वीडियो इंटरनेट के जरिये लोगों के सामने आई है। तो कही न कही इस्लाम के नाम पर एक गन्दी तस्वीर पूरी दुनिया के लोगों के सामने आई।
कुछ सालों पहले अमेरिका में हुए वर्ल्डट्रेड सेंटर पर हुए एक आतंकवादी हमले ने पूरे अमेरिका को दहला कर रख दिया। इसके बाद प्रिंट मीडिया, इलैक्ट्रॉनिक मिडिया, सोशल मीडिया के द्वारा आतंकबाद को इस्लाम के रूप में दिखाया गया। इसके बाद भी इस्लाम अपनी तेजी से फैल रहा है।
लैटिन भाषा का उपयोग करने वाले लोगों को इस्लाम अपनाते हुए ज्यादा देखा जा रहा है। जबकि जिस पर देश के जाने माने इतिहासकार राजेंद्र नारायणलाल में अपने एक आर्टिकल में लिखा था की इस्लाम को बदनाम करने का यह नतीजा है। जो इस्लाम के विस्तार में तेजी आ रही है। उन्होंने कहा की इस्लाम का जितना दुष्प्रचार किया गया इस्लाम उतना है फैला है। इस्लाम के दुष्प्रचार का ही यह नतीजा है की लोगों में इस्लाम को जानने की रूचि बड़ी है।इस्लाम को जितना बदनाम किया गया है शायद किसी और धर्म को बदनाम किया जाता तो शायद उस धर्म का अंत हो जाता। अमेरिका में वर्ल्डट्रेड सेंटर पर हमले के बाद अमेरिकी लोग इस्लाम को जानने के लिए मजबूर हो गए। अमेरिका में 42 लाख मुस्लिम है जबकि 5 करोड़ 43 लाख लैटिन है,इसमें से 3 लाख मुस्लिम है। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में धर्म परिवर्तन के मामलों में 92% लैटिन है। और एक चौका देने वाली बात यह है। इस्लाम को स्वीकारने वालों में महिलाओं की अधिकता बहुत ज्यादा है। जानकारों का कहना यह है की इस्लाम जल्द है अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा धर्म हो जायेगा।