चेन्नई: हम आपको रजनीकांत के ऐसे ही जबर्दस्त फैन दो सगे भाइयों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन दो भाइयों के नाम हैं गोपीराजा और रजनीराजा। दोनों भाइयों ने रजनी की अब तक रिलीज सभी 159 फिल्मों को देखा है।
यही नहीं, छोटे भाई रजनीराजा ने रजनीकांत को किडनी देने के लिए ज़हर तक खा लिया था। वहीं बड़े भाई गोपीराजा ने अपने ‘भगवान’ रजनीकांत के लिए घर और पत्नी के गहने तक बेच डाले। 2011 में जब रजनी किडनी की बीमारी के चलते सिंगापुर के एलिजाबेथ हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे तब छोटे भाई रजनीराजा ने अपनी किडनी देने का फैसला लिया। घरवालों के मना करने के बाद रजनीराजा ने ज़हर खा लिया। रजनीराजा को कोयम्बटूर के हॉस्पिटल में बड़ी मुश्किल से बचाया जा सका था।
रजनीराजा ने बबाद में बताया कि ज़हर खाने के दो दिन पहले से उसे बहुत रोना आ रहा था। रजनीराजा से जब डॉक्टर ने जहर खाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वो अपनी जिंदगी खत्म करना चाहता था। जिससे मरने के बाद उसकी किडनी भगवान रजनीकांत को डोनेट हो सके और वो बिल्कुल ठीक हो जाएं।
अब बात करते हैं बड़े भाई गोपीराजा की, गोपीराजा को उनके पिता ने रजनीकांत की मूवी के जूनून को देखते हुए घर से निकाल दिया था। गोपी के अनुसार वो रजनीकांत की हर फिल्म रिलीज पर अपने शहर के करीब एक हजार गरीब लोगों को चेन्नई में मूवी दिखाते हैं।
इस बार भी कबाली फिल्म देखने के लिए उसने ऐसा ही किया। इसे वो अपने भगवान रजनीकांत का आशीर्वाद मानते हैं। एक हज़ार लोगों को कई साल से मूवी दिखाने के चलते उस पर 1. 5 लाख रुपए का कर्ज भी हो गया था। ब्याज सहित ये अमाउंट 2.5 लाख हो गया था। इसे चुकाने के लिए पहले उसने अपनी पत्नी के गहने और बाद में घर बेच दिया। आज गोपी किराए पर रहते हैं।