पीटरमारित्जबर्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (9 जुलाई) को कहा कि उनकी दक्षिण अफ्रीका की यात्रा एक तीर्थयात्रा के समान है, क्योंकि इस दौरान वे उन स्थलों पर गए, जो भारतीय इतिहास व महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े हैं।
रेलगाड़ी की यात्रा करने के बाद पीटरमारित्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर मोदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह दौरा एक तीर्थयात्रा के समान है, क्योंकि मैंने उन स्थलों का दौरा किया जो भारतीय इतिहास व महात्मा गांधी के जीवन के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।’ इससे पहले इतिहास के पन्नों में झांकने की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां उस स्टेशन पर गए जहां महात्मा गांधी को ट्रेन से बाहर धकेल दिया गया था और यही उनके जीवन में एक मील का पत्थर साबित हुआ था। मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में गांधी की ट्रेन यात्रा को याद करने का प्रयास किया। दक्षिण अफ्रीका की अपनी यात्रा के दूसरे दिन मोदी नस्लीय भेदभाव के खिलाफ महात्मा गांधी के संघर्ष को श्रद्धांजलि देने के लिए पेंट्रिक में एक ट्रेन पर सवार होकर पीटरमारित्जबर्ग गए।
वर्ष 1893 में सात जून को जब गांधीजी डरबन से प्रीटोरिया जा रहे थे जब एक श्वेत ने प्रथम श्रेणी के डिब्बे में उनके चढ़ने पर आपत्ति की और उन्हें तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने को कहा गया। गांधी के पास प्रथम श्रेणी का वैध टिकट था और उन्होंने तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने से इनकार कर दिया। उसके बाद भयंकर सर्दी में पीटरमारित्ज स्टेशन पर उन्हें ट्रेन से बाहर धकेल दिया गया। वह रातभर भयंकर ठंड में स्टेशन पर रुके रहे। इस कटु घटना ने दक्षिण अफ्रीका में ठहरकर वहां भारतीयों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष करने के गांधी के निर्णय में अहम भूमिका निभायी।