पटना: सासाराम के मोहद्दीगंज में शराबबंदी का असर ऐसा हुआ की 16 साल पुर्व अलग हुए पति पत्नी भी एक हो गए. अब दोनों ने फिर से पुनर्विवाह किया है. इतना ही नहीं अपने माता पिता के पुनर्विवाह का कार्ड भी उनकी बेटी ने ही छपवाया तथा पूरे गांव में बंटवाया.
दूल्हे-दुल्हन की लिवास में बुजुर्ग दम्पति पुनर्विवाह कर रहे हैं. मोहद्दीगंज के जयगोविंद सिंह का उम्र 58 साल है. पहले वे छक कर शराब पीते थे. शराब के कारण ही आज से 16 साल पहले उनकी पत्नी ने उनका साथ छोड़ कर अपनी बेटी को लेकर मैके चली गयी थी लेकिन जबसे सरकार ने शराबबंदी की घोषणा कर दी. उसके बाद जय गोबिंद भी शराब से तौबा कर लिया. जय गोबिंद में हुए इस बदलाव की जानकारी उनकी पत्नी विजयंता को मिली.
मात्र एक साल की उम्र में अपनी मम्मी के साथ गयी बेटी गुड्डी भी अब बड़ी हो गयी है. उसने पहल कर शराब के कारण अलग हुए अपनी मम्मी-पापा को फिर से एक करा दिया. शराब ने जिसको पत्नी से अलग कर दिया था आज वो परिवार के साथ हो गया. पत्नी विजयंती कहती हैं कि उनमें आया बदलाव उन्हे उनके पास खींच लाया हैं जबकि राम गोविंद का कहना है कि अब शराब को जीवन भर हाथ नही लगायेंगे.
बेटी गुड्डी के अनुसार वो दुनिया के सबसे अजूबा बेटी है जो अपने ही माता पिता के शादी की कार्ड बांट रही हैं. कार्ड पर आकाक्षी में अपने बेटी का ही नाम हैं. गुड्डी ने खुद अपने हाथों से पूरे गांव में शादी का कार्ड बांटा हैं.शराबबंदी तथा बेटी के प्रयास से 16 साल पुराना बिछड़ा दम्पति एक हो गए. इस पुनर्विवाह समारोह में पूरे गांव के लोगो ने भोज खाया. गाजा बाजा भी बजा. शराब ने जिस परिवार को बर्बाद कर दिया था. शराबबंदी के बाद वो आबाद हो रहा हैं. इस अजूबे पुनर्विवाह ने समाज में मिशाल पेश किया है. यह पुनर्विवाह बिहार के मुख्य्मंत्री नितीश कुमार जी के बिहार में शराब पर प्रतिबन्ध लगाने के कारण ही संभव हो पाया है.