नई दिल्ली: बीते दिनों चीन के अड़ंगा डालने के कारण भारत को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में जगह नहीं मिल पाई थी। लेकिन अब चीन को जवाब देने का समय आ गया है। चीन अब भारत से ही मदद की उम्मीद लगाए बैठा है।
दरअसल, चीन को अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल से समुद्री क्षेत्र के दावे पर मात मिली है। इसके बाद से ही चीन देश की ओर आशाजनक नजरों से देख रहा है। इंडिया से मदद की अपील करने के लिए चीन के विदेश मंत्री वांग यी 12 अगस्त से अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं। वांग इस दौरे को दक्षिण चीन सागर पर इंडिया का समर्थन हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। वांग फिलहाल तीन देशों के दौरे पर हैं, जिसमें वह नौ अगस्त से केन्या और यूगांडा का दौरा भी करेंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी तीन सितंबर से अपनी तीन दिवसीय चीनी यात्रा और सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी मुलाकात करेंगे। अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल द्वारा दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को अस्वीकार करने के बाद अमेरिका सहित कई देशों ने चीन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। इसी कारण चीन की परेशानी और बढ़ गयी है।