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मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि हमारी बेटियों ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी तरह से, किसी से भी कम नहीं

नई दिल्‍ली: पीएम मोदी ने रविवार को देश से #23वीं बार मन की बात की। मन की बात में पीएम मोदी ने कश्‍मीर को लेकर बयान दिया। उन्‍होंने कश्‍मीर मुद्दे पर सभी दलों के समर्थन पर शुक्रिया अदा किया। #23वीं बार मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के बारे में कहा कि गांव के प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक का मत है कि कश्मीर में अगर नौजवान या सुरक्षाकर्मी की जान जाती है तो ये नुकसान अपने देश का ही है। अबकी बार पीएम मोदी ने मन की बात की शुरुआत हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद करने के साथ की। पीएम मोदी ने कहा-

कल 29 अगस्‍त को हॉकी के जादूगर ध्यानचंद जी की जन्मतिथि है, यह दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है।

-मैं ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि देता हूं और इस अवसर पर आप सभी को उनके योगदान की याद भी दिलाना चाहता हूं।

ध्यानचंद जी स्पोर्ट्समैन स्प्रिट और देशभक्ति की एक जीती-जागती मिसाल थे।

mygov.in पर कई लोगों ने रियो ओलंपिक और साक्षी, सिंधू के बारे में बोलने के लिए कहा है।

23वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि हमारी बेटियों ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी तरह से, किसी से भी कम नहीं हैं।

इस बात से तो इंकार नहीं किया जा सकता कि हमारी आशा के अनुरूप हम रियो ओलंपिक में प्रदर्शन नहीं कर पाए।

फिर भी हमारे देश ने कई खेलों में शानदार प्रदर्शन किया और सकारात्मक माहौल बनाया।

मैंने खेल प्रदर्शन में सुधार को लिए एक कमिटी की घोषणा की है।

यह दुनिया में क्या-क्या प्रैक्टिस हो रही है, उसका अध्ययन करेगी।

2020, 2024, 2028 ओलंपिक के लिए दूर तक की सोच के साथ हमें योजना बनानी है।

23वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि मैं राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि ऐसी कमिटि बनाएं, खेल जगत से जुड़े संगठन निष्पक्ष भाव से ब्रेन स्टॉर्मिंग करें।

देश के हर नागरिक से आग्रह करता हूं कि मुझे सुझाव भेजें।

खेल संगठन चर्चा कर-करके अपना ज्ञापन सरकार को दें।

सवा सौ करोड़ देशवासी और 65 फीसदी युवा जनसंख्या वाला देश, खेल की दुनिया में भी बेहतरीन स्थिति प्राप्त करे, इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है।

पांच सितंबर को शिक्षक दिवस है। मैं कई वर्षों से शिक्षक दिवस पर विद्यार्थियों के साथ काफी समय बिताता रहा हूं।

मेरे लिए 5 सितंबर ‘शिक्षक दिवस’ भी था और मेरे लिए ‘शिक्षा दिवस’ भी था।

लेकिन इस बार मुझे G-20 समिट के लिए जाना पड़ रहा है।

जीवन में जितना ‘मां’ का स्थान होता है, उतना ही शिक्षक का स्थान होता है।

मैं आज पुल्लेला गोपीचंद जी को एक खिलाड़ी से अतिरिक्त एक उत्तम शिक्षक के रूप में देख रहा हूं।

पांच सितंबर भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिन है।

देश उसे ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाता है।

राधाकृष्णन जी हमेशा कहते थे – “अच्छा शिक्षक वही होता है, जिसके भीतर का छात्र कभी मरता नहीं है”।

मेरे एक शिक्षक जो 90 साल के हो गए हैं। आज भी हर महीने उनकी मुझे चिट्ठी आती है।

महीने भर मैंने क्या किया, उनकी नजर में वो ठीक था, नहीं था, जैसे आज भी मुझे क्लास रूम में पढ़ाते हों।

मेरे प्यारे देशवासियो, कुछ ही दिनों में गणेश उत्सव आने वाला है।

गणेश उत्सव की बात करते हैं, तो लोकमान्य तिलक जी की याद आना बहुत स्वाभाविक है।

लोकमान्य तिलक जी ने सार्वजनिक गणेश उत्सव के द्वारा इस धार्मिक अवसर को राष्ट्र जागरण का पर्व बना दिया।

अब सिर्फ महाराष्ट्र नहीं, हिंदुस्तान के हर कोने में गणेश उत्सव होने लगे हैं।

लोक शिक्षा का बड़ा अभियान गणेश उत्सव के द्वारा चलता है।
सुराज हमारी प्राथमिकता हो, इस मंत्र को लेकर के हम गणेश उत्सव से संदेश नहीं दे सकते हैं क्या?।

उत्सव समाज की शक्ति होता है। उत्सव व्यक्ति और समाज के जीवन में नए प्राण भरता है।

उत्सव के बिना जीवन असंभव होता है।

गांव के तालाब की मिट्टी से बने हुए गणेश जी का उपयोग करें।

हम मिट्टी का उपयोग करके गणेश, दुर्गा की मूर्तियां बनाकर हम उस पुरानी परंपरा पर वापस आएं।

गणेशोत्सव- एक समाज सेवा का काम है। आप सबको गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भारत रत्न मदर टेरेसा को चार सितंबर को संत की उपाधि से विभूषित किया जाएगा।

मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन भारत में गरीबों की सेवा के लिए लगाया था।

चार सितंबर के समारोह में भारत सरकार, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुवाई में आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भेजेगी।

संतों, ऋषि-मुनियों, महापुरुषों से हर पल सीखने को मिलता ही है। हम कुछ-न-कुछ पाते रहेंगे, सीखते रहेंगे, कुछ-न-कुछ अच्छा करते रहेंगे।

भारत सरकार ने पिछले दिनों पांच राज्य सरकारों के सहयोग के साथ स्वच्छ गंगा के लिए लोगों को जोड़ने का सफल प्रयास किया।

#23वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि15 जुलाई को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में 1700 से ज्यादा स्कूलों के सवा-लाख विद्यार्थियों ने अपने माता-पिता को चिट्ठी लिखी।

उन्होंने लिखा कि हमारे घर में टॉयलेट होना चाहिए।

कर्नाटक के कोप्पाल जिले में 16 साल की एक बेटी मल्लम्मा ने सत्याग्रह कर टॉयलेट बनवाया।

#23वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि आप 2-3 मिनट की स्वच्छता की फिल्म बनाइए, ये शॉर्ट भारत सरकार को भेज दीजिए।

उसकी स्पर्द्धा होगी और 2 अक्टूबर ‘गांधी जयंती’ पर विजेताओं को इनाम दिया जाएगा।

टी.वी. चैनल वाले भी ऐसी फिल्मों के लिए आह्वान कर स्पर्द्धा कराएं।

मोबाइल फोन के कैमरा से भी आप फिल्म बना सकते हैं।

#23वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध गहरे हों, हमारे संबंध सहज हों, हमारे संबंध जीवंत हों।

बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल एक ही सांस्कृतिक विरासत को ले करके आज भी जी रहे हैं।

पेंशन पर गुजारा करनेवाली एक मां ने अपने 50 हजार रुपये गरीब माताओं को चूल्हे के धुयें से मुक्त कराने के लिए दे दिए।

#23वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष अकाल के कारण हम परेशान थे, लेकिन ये अगस्त महीना लगातार बाढ़ की कठिनाइयों से भरा रहा।

घोर राजनैतिक विरोध रखने वाले दलों ने मिल कर जीएसटी का कानून पारित किया। इसका क्रेडिट सभी दलों को जाता है।

कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, उसके संबंध में, देश के सभी राजनैतिक दलों ने मिल करके एक स्वर से कश्मीर की बात रखी।

#23वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि गांव के प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक का मत है कि कश्मीर में अगर नौजवान या सुरक्षाकर्मी की जान जाती है तो ये नुकसान अपने देश का ही है।

जो लोग छोटे-छोटे बालकों को आगे कर कश्मीर में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें जवाब देना पड़ेगा।

विविधताओं भरे देश को एकता के बंधन में रखने के लिए सबका दायित्व है।

#23वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि हम एकता को बल देने वाली बातें उजागर करें तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनेगा।

मेरा सवा-सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति पर भरोसा है।

कश्मीर के संबंध में मेरा सभी दलों से जितनी चर्चा हुई, उससे एक बात जागृत होती है कि एकता और ममता ही मूल मंत्र है।

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