रायपुर: मुंगेली जिले में पोस्टेड एक महिला सिपाही ने बिलासपुर रेंज के आईजी पवन देव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता अपने सुपर सीनियर अफसर के खिलाफ लोकल पुलिस अथॉरिटीज में लिखित शिकायत करने के बाद शुक्रवार को रायपुर पहुंची और यहां डीजीपी एएन उपाध्याय और पुलिस जवाबदेही प्रकरण से भी इंसाफ की गुहार लगाई।
आईजी ने कहा, दोस्त को किया बर्खास्त तो बदला ले रही है। महिला सिपाही का आरोप है कि आईजी पवन देव उसे रात को फोन कर परेशान करते हैं, उसे अपने बंगले में बुलाते हैं। परेशान होकर उसने बिलासपुर के चकरभाटा थाने में शिकायत की। उसके बाद एसपी मुंगेली को भी सारी बात बताई। पीड़िता ने कहा कि कहीं से इंसाफ न मिलते देख वह अब डीजीपी और पुलिस जवाबदेही प्राधिकरण की शरण में आई है। पीड़िता सिपाही ने आईजी से हुई बातचीत की कथित ऑडियो क्लिप भी मीडिया के सामने पेश की है।
महिला सिपाही ने बताया कि शुरू में आईजी उससे अच्छी बातें करते थे, लेकिन बात में अटपटी बातें करने लगे। पीड़िता की लिखित शिकायत के मुताबिक, आईजी उससे फोन पर कहने लगे- “तुम बहुत सुंदर हो। तुम्हारी फिगर बहुत अच्छी है। तुमसे बातें करना मुझे पसंद है।” पीड़िता ने कहा- “सब मुझे बहुत अटपटा लगता था, लेकिन फिर भी मैं ‘जी सर जी सर’ बस कहा करती थी।” “आईजी पवन देव साहब मुझसे बोलते थे कि मैं तुम्हारा ट्रांसफर आईजी ऑफिस करवा देता हूं, ताकि मैं रोज तुम्हें देखा करूंगा।”
आईजी पवन देव ने महिला आरक्षक के आरोपों को खारिज करते हुए इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है। आईजी ने कहा- “कल ही मैने एक मामले में एएसआई आशीष वासनिक को बर्खास्त किया है।” “आशीष के उस महिला सिपाही से घनिष्ठ संबंध हैं। इसलिए वह बदला ले रही है।” पवन देव ने यह भी कहा कि आशीष ने बर्खास्त होने के बाद आईजी ऑफिस आकर ‘नतीजा भुगतने’ की धमकी दी थी।
पवन देव 1992 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वह भेल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) में इंजीनियर की नौकरी छोड़ पुलिस सर्विस में आए थे। पहली पोस्टिंग उज्जैन में सिटी एसपी के तौर पर 1995 में हुई थी। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला। वे यहां कई बड़े पदों पर रहने के बाद जून 2014 से बिलासपुर रेंज के आईजी हैं। जूनियर्स के साथ कड़ाई बरतने को लेकर इनकी आलोचना होती रही है, लेकिन इतने गंभीर आरोप पहली बार लगे हैं।