AAJ News India – Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, हिन्दी समाचार

मिड डे मील: 56 से अधिक मदरसों ने खाना लेने से किया इंकार, कहा नहीं चाहये भोग लगा खाना

उज्जैन: मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में इन दिनों एक नया विवाद सामने आ रहा है। उज्जैन में लगभग 56 से अधिक मदरसों ने मिड डे मील योजना के तहत मिलने वाले खाने को लेने से मना कर दिया है। इस घटना के पीछे तर्क दिया जा रहा है की मिड डे मील का ये खाना पहले हिन्दू भगवानों को भोग लगाया जाता है। उसके बाद ही ये खाना बच्चों के लिए भेजा जाता है जिस पर कई मदरसों को आपत्ति है।

उज्जैन के एक मदरसे के अनुसार इस्लाम में चूँकि मूर्ति पूजा हराम है इसलिए मूर्तियों को को भोग लगाए हुए खाने को खाना भी हराम है। इस घटना के बाद प्रशासन के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंच गयी है। प्रशासन के अनुसार समस्या हिन्दुओ के द्वारा खाने बनाने पर नहीं है बल्कि हिन्दू देवी देवताओं को चढाने के बाद भोजन के आने पर कई मुस्लिम विद्वानो को आपत्ति है।

उनका कहना है की खाना बनाने के बाद हिन्दू देवी देवताओ को भोग लगाया जाता है और इस खाने को न तो वे खायेंगे और न अपने स्टूडेंट्स को खाने देंगे। फिलहाल इस मामले के बाद बच्चो के माता पिता अवश्य संकट में आ गए है। मदरसे में पढने वाले बच्चों के माता पिता के अनुसार मदरसों और मिड डे मील भोजन बांटने वाली संस्था की बीच की लड़ाई से उनके बच्चे भूखे मर रहे है इसलिए अब उन्हें समझ नहीं आ रहा है की वे कैसे इस समस्या से निजात पाए।

गौरतलब है की मध्य प्रदेश में मिड डे मील भोजन देने का काम बीआरके फ़ूडस एंड माँ पपार्वती फूड्स का है जो पिछले कुछ महीनो से राज्य में मिड डे मील योजना के अंतर्गत भोजन बनाती है और बांटती है। वही इससे पहले इस्कोन राज्य में भोजन बनाने का काम करती थी जिसे मदरसों ने लेने से मना कर दिया था वही नयी कंपनी से भी मदरसों ने भोजन लेने से मना कर दिया है।