नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचे। एक मुसीबत से पीछा छुड़ाने स्वर्ण मंदिर पहुंचे केजरीवाल दूसरी मुसीबत में फंस गए।
केजरीवाल धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर उठे विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए स्वर्ण मंदिर गए थे लेकिन वहां बर्तन साफ करने को लेकर उन्होंने एक नया विवाद खड़ा कर लिया।दरअसल, आम आदमी पार्टी के मंत्री आशीष खेतान ने अनजाने में पार्टी के यूथ मैनिफेस्टो की तुलना गुरु ग्रंथ साहिब से कर दी थी। इस गलती की भरपाई करने केजरीवाल स्वर्ण मंदिर गए थे ताकि सेवा कर वो अपनी गलती का पश्चाताप कर सकें। लेकिन पुराने विवाद से पीछा छुड़ाने के चक्कर में केजरीवाल नए विवाद में फंस गए।
सेवा के लिए केजरीवाल जिन झूठे बर्तनों को साफ कर रहे थे वो पहले से ही साफ थे। यानी साफ बर्तनों को साफ कर के वो अपनी गलती का पश्चाताप कर रहे थे। अब उन्होंने ये जानबूझ कर किया या अनजाने में ये तो वो ही जानें। लेकिन उनकी इस हरकत से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। रविवार को केजरीवाल जब अमृतसर पहुंचे तो उन्हें कई जगह हिंदू संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा। कहीं उनके खिलाफ नारे लगे तो कहीं लोगों ने काले झंडे दिखाए।
तीन जुलाई को अमृतसर में अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी हुआ था। आप नेता आशीष खेतान ने घोषणापत्र की तुलना गीता,बाइबल, गुरु ग्रन्थ साहिब जैसे धार्मिक ग्रंथों से की थी। इतना ही नहीं घोषणा पत्र पर स्वर्ण मंदिर के साथ झाड़ू की एक तस्वीर को लेकर भी काफी बलाल मचा था। सिख संगठनों ने पार्टी पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है। हालांकि बाद में खेतान ने माफी मांग ली थी लेकिन ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन नामक एक समूह का कहना है कि इतना काफी नहीं है वो इसके खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराएंगे।