वॉशिंगटन: भारत को यूएस में स्पेशल स्टेटस दिलाने वाला बिल अमेरिकी संसद में पास नहीं हो पाया। इस बिल को टॉप रिपब्लिकन सीनेटर ने प्रपोज किया था। अगर ये बिल पास हो जाता तो भारत को अमेरिका के ग्लोबल स्ट्रैटजिक और डिफेंस पार्टनर का दर्जा हासिल हो जाता। मोदी-ओबामा के हालिया ज्वाइंट स्टेटमेंट के बाद भारत को स्पेशल स्टेटस मिलने की उम्मीद बढ़ी थी। मुलाकात के एक दिन बाद इसी यूएस कांग्रेस में मोदी को 9 बार स्टैंडिंग ओवेशन भी मिला था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के एक दिन बाद शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन ने राष्ट्रीय रक्षा अधिकार अधिनियम ( NDAA – 17) में संशोधन का प्रस्ताव दिया था। राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार अधिनियम-17 भारी द्विदलीय वोट 85-13 के साथ सीनेट द्वारा पारित किया गया था। लेकिन इस विधेयक में (एसए 4618) सहित प्रमुख संशोधन नहीं हो सके। विधेयक को पास करते समय भले ही दोनों प्रमुख दलों का समर्थन मिला था, लेकिन संशोधित विधेयक को समर्थन नहीं मिल सका।
बिल में संशोधन नहीं हो पाने पर जॉन ने दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे अफसोस है कि सीनेट के सदस्य रक्षा मामलों पर सही से बात नहीं करते। कोई अकेला शख्स यहां बदलाव नहीं ला सकता।’ जॉन ने आगे कहा कि, ‘मैं बहुत निराश हूं, सीनेट ने अफगानों के लिए विशेष आप्रवासी वीजा नहीं बढ़ाया, जबकि अफगानों ने युद्ध के दौरान अमेरिका के लोगों की मदद की थी, आज उनकी जिंदगी जोखिम से भरी है।’
जॉन ने अपने संबोधन में बताया था कि भारत और अमेरिका पिछले 20 सालों से अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। भारत और अमेरिका वैश्विक स्तर पर रणनीति बनाने, रक्षा मामलों पर बातचीत करने, सबकी अपनी संप्रभुता, धार्मिक सद्भाव, सुरक्षा पर लगातार साथ खड़े रहे हैं। इस संसोधन में राष्ट्रपति बराक ओबामा से गुजारिश की गई थी कि वह भारत को विशेष दर्जा देने के लिए जरूरी कदम उठाएं। इसके साथ ही एडवांस तकनीक, भारतीय सेना को विशेष तैयारी करवाने, पाइरेसी को रोकने, आपदा में मदद जैसे मुद्दे भी उठाए गए थे।