अलीगढ़: देश की आजादी के सत्तर वर्ष के उपलक्ष में कल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एथलेटिक्स मैदान में समूह राष्ट्रगान का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के अधीन दस स्कूलों के साथ साथ काॅलेजों, विभागों के छात्र व छात्राओं के साथ बड़ी संख्या में प्राध्यापकों ने भाग लिया और इस तरह प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के हजारों की संख्या में छात्रों, शिक्षकों ने सामूहिक राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अलीगढ़ मंडल के आयुक्त श्री सुभाष चन्द्र शर्मा भी विशेष रूप से पधारे।
कुलपति लेफ्टिीनैन्ट जनरल जमीर उद्दीन शाह ने कहा कि राष्ट्रगान गाने से जोश और उत्साह पैदा होता है जो किसी भी राष्ट्र की एकता और अखण्डता के लिये जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज देश भर के सभी शिक्षा संस्थानों में एक साथ एक ही समय पर राष्ट्रगान कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में राष्ट्रगान के प्रति गहरा उत्साह है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधीन दस स्कूल संचालित हैं और उनमें चांसलर द्वारा एक हजार कम्पयूटर उपलब्ध कराये जा रहे हैं ताकि सूचना प्राद्योगिकी की सहायता से आपका भविष्य उज्जवल हो सके। उन्होंने कहा कि युवक अगर कठिन परिश्रम करेंगे तो दुनियाॅ की कोई ताकत उन्हें पीछे नहीं ढकेल सकती। कुलपति ने कहा कि हमारा एक ही लक्ष्य है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को देश की नम्बर एक यूनीवर्सिटी बनाना। इससे पूर्व स्कूली शिक्षा के निदेशक प्रोफेसर मुहम्मद गुलरेज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आजादी के सत्तर वर्षीय कार्यक्रम के अन्तर्गत सामूहिक राष्ट्रगान का आयोजन किया गया है। केन्द्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में 9 अगस्त से 23 अगस्त तक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया था।
कलचरल एजूकेशन सैन्टर के समन्वयक प्रोफेसर एफएस शीरानी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सत्तर वर्ष पूर्व आज ही के दिन 23 अगस्त को संसद ने जनगणमन को राष्ट्रीय गान के रूप में स्वीकार किया गया और देश भर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एक ही समय में प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समूह राष्ट्रगान के लिये विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने हर स्तर पर सहयोग प्रदान किया और यह कार्यक्रम बहुत ही सफल रहा।
यूनीवर्सिटी रजिस्ट्रार प्रोफेसर जावेद अख्तर कन्ट्रोलर प्रोफेसर युसुफ उज़्जमा, वित्त अधिकारी प्रोफेसर एसएम जावेद अख्तर, सकायों के डीन, काॅलेजों और स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षक और हालों के प्रवोस्ट भी मौजूद थे।