रियो: कौन कहता है कि हिजाब पहनने वाली लड़की किसी से कम होती है, इस बात को रियो ओलम्पिक इस खिलाड़ी ने झूठ साबित कर दिखाया है. यह कारनामा करने वाली खिलाड़ी हैं, अरब देशो में से भाग लेने वाली महिलाओ में से एक, सारा अहमद. इन्होंने पहला कांस्य पदक जीत कर अपना नाम इतिहास के पन्नो में सुनहरे शब्दो से लिखवा लिया है.
हिजाब बांधकर वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली यह पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने यह मुकाम सफलतापूर्वक हासिल किया है. इस मुकाम पर पहुँचने के बाद मीडिया से बात करते हुए सारा ने कहा कि मैं मिस्र की महिला एथलीटो के लिए मार्गदर्शक बनना चाहती हूँ. पूरी दुनिया में हिजाब पर उठे सावालो का जवाब देते हुए ओलिंपिक में मुस्लिम महिलाओ ने हिजाब बांधकर अच्छा प्रदर्शन कर दुनिया को यह दिखा दिया है कि हिजाब में हम किसी से कम नहीं हैं, और हिजाब हमारी ज़िन्दगी में क्या अहमियत रखता है.