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रियो ओलिंपिक: सिल्वर जीतने के बाद पीवी सिंधु ने किया गोल्‍ड का वादा, कहा- इसके लिए जीजान लगा दूंगी

नई दिल्‍ली: रियो ओलिंपिक में महिला बैडमिंटन सिंगल्‍स के फाइनल में स्‍थान बनाकर भारत की पीवी सिंधु ने गुरुवार को इतिहास रच दिया. सेमीफाइनल मुकाबले में जीत के बाद सिंधु ने बात करते हुए कहा कि मेरा लक्ष्‍य ओलिंपिक में गोल्‍ड जीतना है और इसके लिए जीजान लगा दूंगी. सिंधु को फाइनल में वर्ल्‍ड नंबर वन स्‍पेन की कैरोलिना मारिन का मुकाबला करना है.

गौरतलब है कि लंदन में हुए पिछले ओलिंपिक के बैडमिंटन सिंगल्‍स इवेंट में साइना नेहवाल भारत के लिए मेडल जीतकर लाई थीं. चार वर्ष बाद अब यह काम पीवी सिंधु ने कर दिखाया है, वह भी पदक का रंग बदलकर. सिंधु ने गुरुवार को जबर्दस्‍त प्रदर्शन करते हुए जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराते हुए महिला सिंगल्‍स इवेंट के फाइनल में स्‍थान बना लिया है. सिंधु के लिहाज से खास बात यह रही कि जहां साइना को सेमीफाइनल में मिली हार के बाद तीसरे-चौथे स्‍थान के लिए हुए मैच को जीतकर कांस्य हासिल किया था, वहीं सिंधु ने फाइनल में स्‍थान बनाकर सिल्वर पक्‍का कर लिया है, वहीं गोल्ड के लिए उन्हें मारिन को हराना होगा. पुसारला वेंकट सिंधु यानी पीवी सिंधु को खेल अपने माता-पिता से विरासत में मिला. उनके पिता पीवी रमन्‍नाऔर मां पी. विजया दोनों वालीबॉल के खिलाड़ी रहे हैं. पिता रामन्‍ना तो खेलों में अपने योगदान के लिए बेटी की तरह अर्जुन अवार्ड भी जीत चुके हैं. आठ साल की कच्‍ची उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू करने वाली सिंधु के करियर में बड़ा मोड़ तब आया जब वे गोपीचंद की बैडमिंटन एकेडमी से जुड़ीं. यहां से सिंधु की कामयाबी का ग्राफ चढ़ता गया. सब जूनियर और जूनियर लेवल पर उन्‍होंने कई खिताब अपने नाम किए.