मेरठ: 13 साल की उम्र में मां बनी मासूम इस बात से अनजान है कि उसने आठ दिन पहले अपने ही बच्चे को जन्म दिया है। अपने साथ हुई दरिंदगी पर ये बच्ची सिर्फ इतना बताती है कि – ” मैं तो उन्हें बड़े अब्बू कहती हूं …. स्कूल में मेरा मन नहीं लगा तो अम्मी ने मुझे उनके पास शिफा पढ़ने (दीनी तालीम) के लिये भेजा।
एक दिन बड़े अब्बू ने मेरे साथ गलत काम किया जिसके बाद से मेरे पेट में कीड़े चलने लगे … मैं अम्मी से कहती कि मेरे पेट में कीड़े रेंग रहे हैं, उन्हें निकालो पर अम्मी अब्बू के साथ रोने लगती थी … ” बीती 20 जुलाई को बेटे को जन्म देने वाली दुष्कर्म पीड़ित किशोरी आरोपी के बारे में बताती है कि – ” वो मेरे अब्बू के बड़े भाई लगते हैं, हम उनके घर पर खूब खेलते थे, उनका भी हमारे घर में रोजाना का आना-जाना था …. एक दिन जब मैं शिफा पढ़ने उनके घर गई तो बड़े अब्बू ने दरवाजा बंद करके मेरे साथ गलत काम किया .. मैं चिल्लाई तो उन्होंने मुझे मारा-पीटा .. मैंने कहा कि अम्मी और बड़ी अम्मी को बताऊंगी पर उन्होंने धमकी दी कि किसी को भी बताया तो वो मेरे अब्बू-अम्मी को मार डालेंगे..
मुझे नहीं पता उसके बाद क्या हुआ, पर मेरे पेट का आकार दिन-ब-दिन बढ़ता गया, पेट में दर्द रहता था, कुछ खाने का मन नहीं होता था, उल्टी आती थी, अम्मी कड़वी दवा खिलाती थीं… अम्मी मुझे घर से निकलने नहीं देती थीं, कमरे में बंद कर दिया था, एक दिन हम नए मोहल्ले में रहने आ गए .. डॉक्टर मेरा इलाज कर रहे थे, लेकिन मेरा पेट फूलता जा रहा था, कुछ दिन पहले मैं अस्पताल गई तो अम्मी रोते-रोते यही कह रही थी अब कीड़े खत्म हो जाएंगे। “ 9 महीने तक समाज से छिपाकर उसने जिस बच्चे को अपनी कोख में पाला, वो उसका अपना खून है, जो उसकी गोद में आने को तड़प रहा है। नॉर्मल डिलीवरी के लिए डॉक्टरों ने मना कर दिया था, क्योंकि बच्ची का शरीर इसे नहीं झेल सकता था। डॉक्टरों ने इसलिए इसे अस्पताल में रखने को कहा था, मगर परिजन बदनामी के डर से उसे घर ले आए हैं। रिश्ते की मामी उसे पाल रही है। ताकि बच्ची और उसके बच्चे का भी जीवन चल सके। लड़की के पिता का कहना है कि – ” मैंने उन्हें बड़ा भाई माना, परिवार जैसा नाता था उन्होंने भरोसा तोड़ दिया, हमें तबाह कर दिया.. मेरी बेटियों से कौन शादी करेगा, ये बच्ची कहां जाएगी, इसका क्या होगा, उन्होंने तो भरोसे का खून कर दिया। “