AAJ News India – Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, हिन्दी समाचार

सऊदी अरब में ‘मेल गार्जियनशिप सिस्टम’ के खिलाफ महिलाओं ने की मुहिम शुरू

जेद्दाह: हज़ारों महिलाओं ने सऊदी अरब में अपने हक के लिए मुहिम शुरू की है। वे देश के मेल गार्जियनशिप सिस्टम में बदलाव चाहती हैं। ताकि उन्हें पुरुषवादी कानून से आजादी मिल सके।

दरअसल, यहां ज्यादातर काम करने से पहले महिला को पुरुष से अनुमति लेनी पड़ती है। यहां तक मां को बेटे से और बहन को भाई से बाजार जाने तक की अनुमति लेनी होती है।इसके खिलाफ महिलाओं ने सोशल मीडिया को अपना माध्यम बनाया है। वे सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए वीडियो, फोटो और संदेशों को जरिया बना रही हैं। महिलाओं का कहना है कि वे पुरुषों की गुलाम नहीं है, अपनी अभिभावक खुद हैं,उन्हें किसी से अनुमति की जरूरत नहीं। कुछ महिलाओं ने सोशल मीडिया पर हैशटैग टू-गेदर टू-इंड मेल गार्जियनशिप नाम से पेज भी बनाया है।

बता दें कि सऊदी अरब में 25 साल से कम उम्र के युवाओं की संख्या कुल आबादी की आधी है। हर 4 में से 3 सऊदी 35 साल से कम उम्र का है। सऊदी में महिलाओं से ज्यादा संख्या पुरुषों की है। पुरुष और महिला का रेशियो 1.37 है। दुनिया का आखिरी ऐसा देश सऊदी अरब है जिसने महिलाओं को वोट डालने की आजादी दी। 2011 में, शेख अब्दुल्ला ने आदेश देकर म्युनिसिपल इलेक्शन में महिलाओं के वोट डालने का रास्ता तैयार किया। दशकों तक सऊदी अरब में महिलाओं को काम करने की मनाही रही है। लॉन्जरी शॉप में पुरुष ही महिलाओं को सामान दिखाते रहे। मगर 2012 की शुरुआत में मर्दों को महिलाओं के सामान वाली दुकानों पर मर्दों के काम करने की मनाही हो गई।