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सपा ने 25 % से ज़्यादा विधायकों का टिकट काटने का सोचा

लखनऊ: हारी हुई सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी सिटिंग सीटों पर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। विधायकों की परफॉरमेंस और जीतने की क्षमता को टिकट का आधार बनाया जाएगा। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सपा एक चौथाई से ज्यादा विधायकों के टिकट काट देगी। सपा ने वर्ष 2012 में हारी हुई लगभग 160 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सपा के इस समय 229 विधायक हैं। इनमें पांच विधायक बागी तेवर अख्तियार किए हुए हैं।

बिसवां (सीतापुर) के रामपाल यादव सपा से निष्कासित किए जा चुके हैं। बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर) के नवाजिश आलम खां, गोपामऊ (हरदोई) के श्याम प्रकाश, बुलंदशहर जिले की डिबाई सीट से विधायक श्रीभगवान उर्फ गुड्डू पंडित और शिकारपुर के मुकेश शर्मा को राज्यसभा व विधान परिषद चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने पर निलंबित किया गया है।

इनके साथ ही आधा दर्जन और विधायकों की भूमिका इन चुनावों में बहुत अच्छी नहीं रही। वे पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट करें, इसके लिए वरिष्ठ नेताओं को उन्हें बुलाकर समझाना पड़ा। पार्टी से बगावत करने वाले और राज्यसभा-एमएलसी चुनाव में नखरे दिखाने वाले 10-12 विधायकों का पत्ता साफ होना तय माना जा रहा है। इसी के साथ समाजवादी पार्टी नेतृत्व 50 से अधिक विधायकों की परफॉरमेंस से संतुष्ट नहीं है। ऐसे विधायकों को लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव लगातार टिप्पणी करते रहे हैं।

ठेकेदारी और व्यापार में दिलचस्पी लेने वाले इन विधायकों पर जनता के बीच सक्रिय नहीं रहने का आरोप है। इनके खिलाफ पार्टी नेताओं, खास तौर से पार्टी सुप्रीमो को शिकायतें मिलती रहती हैं। सिटिंग सीटों पर उम्मीदवारों का चयन करते समय मौजूदा विधायकों की जनता के बीच छवि, विधायक के रूप में कामकाज के साथ ही चुनाव जीतने की संभावना को भी देखा जाएगा। जो विधायक इन कसौटियों पर खरे नहीं उतरेंगे, उनके टिकट काट दिए जाएंगे।

समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2012 में हारी हुई जिन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनमें भी बड़े पैमाने पर बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदल भी दिए गए हैं। कई जिलों में समाजवादी पार्टी उम्मीदवारों का विरोध हो रहा है। कुछ जगह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कई मंत्री अपने जिलों में समीकरण के मुताबिक टिकट न मिलने से नाखुश बताए जा रहे हैं। वाराणसी में घोषित प्रत्याशियों के पुतले तक फूंके जा चुके हैं।