छत्तीसगढ़: सांप और बिच्छूू का नाम सुनकर वैसे तो सभी लोगों की फूंक सरक जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि एक गांव ऐसा है जहां सांप और बिच्छुओं को रिश्तेदार बनाया जाता है। अगर कही गलती से किसी परिवार में सांप और बिच्छ़ओं की मौत हो जाए तो उनका पूरी रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है।
परिवार के मर्द अपनी मूंछ-दाढ़ी मुड़वाता है और पूरे कुनबे को भोज कराता है। सांप को बच्चे की तरह पालने का रिवाज छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की है। यहां हर घर में बहुत ही जहरीले सांप पाले जाते है। महासमुंद नगर के उत्तर में 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जोगी नगर। नगर पंचायत तुमगांव की सीमा में आबाद यह बस्ती लगभग ढाई दशक पूर्व अमात्य गौड़ समुदाय में घुमंतू खानाबदोश सपेरों द्वारा बसाई गई है। यहां के लोगों का मुख्य पेशा है, सांप पकड़ना और लोगों के बीच उसकी नुमाइश कर (दर्शन कराकर) अपनी आजीविका चलाना। इस काम में बच्चे भी पूरी निर्भीकता से बड़ों का साथ देते हैं। इसलिए हर घर में सांप पाला जाना स्वाभाविक है।