अगर देखा जाए तो भाजपा पार्टी के अन्दर बहुत सारे नेता हैं| लेकिन आज हम आपको भाजपा के उन तीन नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी चर्चा में हैं| इन नेताओं की लिस्ट में अरुण शौरी,यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा शामिल हैं|
अरुण शौरी भाजपा के बड़े नेता हैं और केन्द्रीय मंत्रीमंडल में भी शुमार हैं | इन्होने तो प्रधानमंत्री मोदी पर ही सीधा हमला बोल दिया था | एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मोदी के बारे में बात करते हुए कहा कि मोदी को सर्मथन देना उनकी सबसे बड़ी भूल थी | इसके पहले भी शौरी मोदी सरकार और उनकी नीतियों की जमकर आलोचना कर चुके हैं |
शौरी ने मोदी की नोट्बंदी की स्कीम को अब तक का सबसे बड़ा मनी लोंड्रिंग करार दिया था | उन्होने कहा था कि समस्या आर्थिक नहीं बल्कि सरकार का ढांचा हैं |अभी हाल ही में एक सभा में उन्होंने मोदी के लिए पाकिस्तान के एक शायर का शेर भी पढ़ा जिसपर बहुत तालियाँ बजायी गयी|
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अब बात करते हैं हम भाजपा के बड़े नेता यशवंत सिन्हा की | ये अटल सरकार में वित्त मंत्री भी रह चुके हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेताओ में सुमार हैं | ये हमेशा भाजपा सरकार में होने के बाद भी भाजपा की आलोचना करते हुए देखे जाते हैं | अभी हाल ही में उन्होंने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर निशाना बनाया और ‘राजशक्ति’ पर अंकुश के लिए ‘लोकशक्ति’ का आह्वान किया |
इन्होने मोदी सरकार से सवाल उठाये कि कारें और मोटरसायकिल ज्यादा बिकना प्रगति है क्या? ये भाजपा में होने के बाद भी कांग्रेस द्वारा समर्थित एक गैर सरकारी संस्था के न्योते पर गुजरात गये थे और वहां पर उनके कार्यक्रम में भी सिरकत की थी |इस NGO का नाम लोकशाही बचाओ था जिसके लिए उन्होंने अहमदाबाद,राजकोट और सूरत जैसी जगहों पर व्याख्यान भी दिए हैं |
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इनके बाद हम आखिरी में बात करेंगे भाजपा के तीसरे बागावती तेवर वाले नेता शत्रुघ्न सिन्हा की | इन्होने तो मोदी,जेटली सहित स्मृति ईरानी पर ही निशाना साध लिया | इन्होने यहाँ तक कह दिया कि भाजपा गुजरात चुनाव नहीं जीतेगी | उंनका कहना था कि नोट्बंदी और GST की वजह से जनता में गुस्सा बहुत है अतः गुजरात का चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं बल्कि भाजपा के लिए एक चुनौती है |
इन्होने कांग्रेस के बड़े नेता मनीष तिवारी की किताब के लोकार्पण में सिरकत करते हुए तिवारी के साथ मंच साझा किया और उसी मंच से जेटली मोदी आदि अपने पार्टी के लोगों पर निशाना साधते हुए बोले कि जब एक वकील वित्तीय मामले की बात कर सकता है और एक टीवी एक्ट्रेस मानव संसाधन विकास मंत्री बन सकती है और एक चाय वाला….. बन सकता है तो वो क्यों नहीं आर्थिक मामलों की बात कर सकते हैं ?
सिन्हा का कहना है कि वो अपनी पार्टी के खिलाफ नहीं है और न बोल रहे हैं बल्कि वो अपनी पार्टी को आइना दिखाने का काम कर रहे हैं | सिन्हा ने अभी जय शाह के मामले में भी बोलते हुए कहा था कि इसकी जांच होनी चाहिए | यहाँ तक की इन्होने तो ये तक कह दिया कि भाजपा को ‘वन मैंन शो’ और ‘दो सैनिको की सेना’ नहीं होना चाहिए |
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