हम आपको बता दें कि पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अखबारों में इस हफ्ते की सुर्खियों में ये खबरें तो थी हीं, साथ ही एक पाकिस्तानी अखबार ने जर्मन लेखक के सनसनीखेज दावे को भी सुर्खी बनाया जिसमें कहा गया है कि 26 नवंबर 2008 का मुंबई हमला खुद भारत ने करवाया था।
अखबार के अनुसार, जर्मन लेखक एलिस डेविडसन ने अपनी नई किताब “भारत की धोखाधड़ी, 26 नवंबर के सुबूतों पर पुनर्विचार” में मुंबई हमलों के सभी सबूतों और गवाहों का गहन अध्ययन किया है।
जर्मन लेखक डेविडसन की छवि विवादास्पद रही है और पहले भी वो कई मसलों पर विवादित थ्योरी देते रहे हैं। साल 2008 में भी डेविडसन ने दावा किया था कि अमरीका ने 9/11 हमले की झूठी कहानी गढ़ी है।
अखबार लिखता है कि किताब में दावा किया गया है कि नरीमन हाउस के मामले में इसराइल और भारत ने झूठे गवाह तैयार किए।
अखबार का यह भी कहना है कि जर्मन लेखक ने अपनी किताब में इस बात को ‘साबित’ किया है कि मुंबई हमले से न सिर्फ भारत बल्कि अमरीका और इसराइल के व्यापारियों और नेताओं ने खूब फायदा उठाया है।
किताब में दावा किया गया है कि हमले का मकसदग हिंदू चरमपंथियों, राष्ट्रवादियों और सुरक्षा एजेंसियों को फायदा पहुंचाना था। हमले के जरिये ये बात भी फैलाने की कोशिश की गई कि भारत को चरमपंथ से लगातार खतरा बना हुआ है।
इसका उद्देश्य चरमपंथ के खिलाफ जंग करने वाले देशों से भारत का रिश्ता बढाना था।
अखबार के मुताबिक किताब में लेखक ने सवाल पूछा है कि दुकानदारों का ये बयान भी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बनाया गया कि तमाम चरमपंथी 15 दिनों से नरीमन हाउस में ही रह रहे थे। दावा किया गया है कि बहुत से गवाहों को ट्रेनिंग दी गई थी।