नई दिल्ली: हम आपको बता दें कि देश के तकरीबन 50 करोड़ मोबाइल यूजर्स के सामने उनका नंबर बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। हम आपको यह भी बता दें कि यह नया खतरा आधार से संबंधित केवाईसी के कारण पैदा हुआ है।
अगर मोबाइल यूजर्स ने टेलीकॉम कंपनियों को आधार के साथ दूसरा कोई डॉक्यूमेंट (पहचान पत्र) नहीं दिया है, तो इस स्थिति में उनका नंबर बंद हो सकता है। इस वक्त देश में 50 करोड़ से अधिक नंबर आधार पर चल रहे हैं।
50 करोड़ नंबर बंद हो सकते हैं
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आधार को लेकर फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल नंबर के लिए आधार का उपयोग अवैध माना था, ऐसे में कंपनियों को आधार की जानकारी हटानी होगी। इस स्थिति में अगर यूजर ने दूसरा कोई पहचान पत्र सिम खरीदते वक्त या बाद में कंपनी को नहीं दिया है, तो उसका नंबर बंद भी हो सकता है।
केवल आधार-KYC के कारण बढ़ी मुश्किलें
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अगर आधार को डिलिंक किया गया तो कोई KYC नहीं रह जाएगी। इस स्थिति में नबंर को बंद करना होगा जबतक कोई दूसरा KYC अपडेट नहीं किया जाता है। मार्च के महीने में, टेलीकॉम कंपनियों को सभी पूर्व-आधार केवाईसी दस्तावेजों को नष्ट करने का आदेश दिया गया था, क्योंकि वे डिजिटलाइज्ड हो रहे थे।
नए KYC के जरिए दूर होगी परेशानी
इस स्थिति में नए KYC के जरिए ही नंबर को बंद होने से रोका जा सकता है जोकि बिना आधार के होगा। इसके मतलब ये होगा कि यूजर्स से लेकर कंपनियों को अब और मशक्कत करनी होगी। सरकार की कोशिश है कि आधार हटाने और कोई नया पहचान पत्र जमा कराने तक मोबाइल यूजर्स को कोई परेशानी न हो और उनका नंबर बंद न हो।
इसके लिए टेलीकॉम विभाग भी आधार प्राधिकरण के साथ लगातार बातचीत कर रहा है और कोई बीच का रास्ता तलाशने की कोशिश की जा रही है। टेलीकॉम सचिव अरुणा सुंदरराजन ने बुधवार को मोबाइल कंपनियों से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि यूजर्स को कम से कम परेशानी हो, सरकार ये सुनिश्चित करेगी।