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जानिये क्यों देना पड़ सकता है 50000 रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर एक सख्त फैसला लिया है. केंद्र सरकार एक नया अध्यादेश लाने वाली है जिसके अनुसार अगर किसी के पास 500 और 1000 के पुराने नोट एक सीमा से अधिक हैं तो उसे सज़ा मिलेगी. इस फैसले के मुताबिक किसी के पास 500 और 1000 के पुराने नोट 10 से ज्यादा नहीं होने चाहिए.

उल्लेखनीय है कि पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने की अंतिम तारीख 30 दिसंबर को समाप्त हो रही है. हालांकि इसके बाद भी 31 मार्च 2017 तक आरबीआई के काउंटरों पर पुराने नोटों को सीधे जमा कराया जा सकता है.

सरकार ऐसा अध्यादेश या फिर कार्यकारी आदेश जारी करने की योजना बना रही है जिसके तहत 10000 से ज्यादा की रकम के 500 या 1000 के पुराने नोट को रखने पर अपराध माना जाएगा. हालांकि 500 और 1000 के दस हजार नोट रखने की अनुमति होगी. माना जाता है कि यह अध्यादेश 30 दिसंबर को जारी किया जाएगा.

नियम का उल्लंघन करने पर 50000 रुपये का आर्थिक दंड या जब्त राशि का पांच गुना, जो भी ज्यादा होगा, जुर्माने के तौर पर देना होगा. नगरीय मजिस्ट्रेट इस कानून से जुड़े उल्लंघन के मामलों की सुनवाई करेगा.

इस अध्यादेश में आरबीआई के निदेशकों की सिफारिशों भी शामिल हैं. 30 दिसंबर के बाद, पुराने नोट सीधे तौर पर भारतीय रिजर्व बैंक में जमा होंगे. रियायत की सीमा बाद में तय की जाएगी.

 गौरतलब है कि मोदी सरकार ने कालाधन, नकली मुद्रा और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए 8 नवंबर को 500 और 1000 के पुराने नोटों पर बैन लगा दिया था. इसके बाद से लोगों ने अपने पुराने नोटों को बैंक में जमा कराना शुरू कर दिया था. 13 दिसंबर को आरबीआई ने अपने एक वक्तव्य में कहा था कि लगभग 12.44 लाख करोड़ के नोट वापस आ चुके हैं. 8 नवंबर के पहले बाजार में कुल 15.44 लाख करोड़ की नकदी मौजूद थी.

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 30 दिसंबर तक लगभग 13 से 13.5 लाख करोड़ के पराने नोट जमा हो जाएंगे. इससे पहले 1978 में तत्कालीन सरकार ने अध्यादेश के जरिये नोटबंदी लागू की थी.