नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को मोबाइल सिम वैरिफिकेशन के बारे में यह बताया है कि सारे सिम कार्ड को आधार कार्ड से एक साल में जोड़ दिया जायेगा. भारत में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों के पास प्रीपेड सिम हैं लेकिन अब ऐसा मैकेनिज्म लाया जा रहा है जिसके माध्यम से प्रीपेड सिम को भी आधार कार्ड से जोड़ा जा सकेगा.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों के वेरिफिकेशन के लिए क्या तरीका है, इसके बारे में दो हफ्ते में केंद्र सरकार जानकारी दे. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CJI खेहर ने कहा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों की पहचान न हो तो यह धोखाधड़ी से रुपये निकालने के काम में इस्तेमाल हो सकता है. सरकार को जल्द ही पहचान करने की प्रक्रिया करनी चाहिए, वहीं केंद्र की ओर से कहा गया था कि इस मामले में उसे हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते का वक्त दिया.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट NGO लोकनीति की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और ट्राई को ये निर्देश दिए जाए कि मोबाइल सिम धारकों की पहचान, पता और सभी डिटेल उपलब्ध हों. कोई भी मोबाइल सिम बिना वैरिफिकेशन के न दी जाए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा था.