आप सब पत्रकार रोहित सरदाना के बारे में तो जानते ही होंगें. आपको बता दें कि रोहित सरदाना पहले जी न्यूज पर नजर आते थे.
अब यह पत्रकार आज तक पर नजर आते हैं. जी न्यूज में रह कर ताल ठोंकते थें और अब आज तक पर रह कर दंगल कराते हैं. रोहित सरदाना की पहचान हिंदू मुस्लिम, मंदिर मस्जिद और गाय गोबर जैसे मुद्दे पर बहस कराने वाले पत्रकार की है.
1. आप के चंदे पर हो रही थी बहस
देश की हर पॉलिटिकल पार्टी बाहरी चंदे पर हीं चलती है. आम आदमी पार्टी भी कोई इससे अलग नहीं है. उसे भी बाहरी लोगों से चंदा प्राप्त होता है. ऐसे हीं किसी आदमी ने आम आदमी पार्टी को 2611 रुपये का चंदा दे दिया जिस पर जी न्यूज ने पंचायत बैठा दी.
2. अभय दूबे भी थें मौजूद
जी न्यूज को आम आदमी पार्टी का यह 2611 रुपया का चंदा संदिग्ध लग रहा था. ताल ठोंक के में इस पर बहस शुरु करा दिया गया. एंकर रोहित सरदाना थें. भाजपा और कांग्रेस के प्रवक्ता भी बैठें हुए थें. वहीं राजनीतिक समीक्षक के तौर पर जाने माने पत्रकार अभय दूबे मौजूद थें.
3. राजनीतिक दलों का पक्ष
इस बहस में मौजूद सभ राजनीतिक दलों के प्रवक्ता इस तरह से बहस कर रहे थें मानो उनकी पार्टी खुद सबसे बड़ी ईमानदार है और सामने वाले की पार्टी सबसे बड़ी बेईमान है. इस 2611 रुपये के चंदे पर सब एक दूसरे पर हमलावर हुए पड़े थें.
4. दूबे ने मारा करारा तमाचा
डिबेट में बतौर पैनलिस्ट मौजूद अभय दूबे से जब अपना पक्ष रखने को कहा गया तो उन्होंने बेबाकी से बोला कि इस विषय पर हो रहा यह बहस दिखा रहा है कि टीआरपी के लिए आज मीडिया कुछ भी बहस करने पर उतारु है. उन्होंने कहा कि एक नेशनल चैनल पर इस विषय पर बहस करना यह बताता है कि मीडिया केजरीवाल के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त है और पेड है.
निष्कर्ष:
अभय दूबे ने लाइव शो के दौरान जी न्यूज और रोहित सरदाना जैसे पत्रकार के मुंह पर तमाचा मार कर बहादुरी का काम किया है. हमें भी ऐसे चैनलों और पत्रकारों का बहिष्कार करना चाहिए.
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