जैसा कि आप सब जानते हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुकाम पर पहुंचाने के पीछे अगर किसी नेता का सबसे बड़ा हाथ है तो वह है बीजेपी के संस्थापकों में से एक और पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी।
गौरतलब है कि पीएम मोदी को गुजरात की सत्ता से केंद्र की सत्ता तक लाने के पीछे बीजेपी नेता आडवाणी का बहुत अहम रोल है।
मोदी राज में बीजेपी नेता अडवाणी को किया गया नजरअंदाज
गौरतलब है कि इस वक्त बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की पार्टी में कोई पूछ नहीं है। बीते 4 सालों में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के खास समारोहों से गायब देखा गया है।
आपको बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी ने हर कदम पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दिया है।
इस बार अडवाणी नहीं लड़ेंगे परम्परागत सीट से लोकसभा चुनाव
बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी गुजरात के गांधीनगर सीट से सांसद है।
वह बीते कई सालों से इसी सीट से चुनाव जीतते आए हैं। लेकिन अब माना जा रहा है कि आडवाणी इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
वहीँ कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आडवाणी पार्टी से अलविदा ले सकते हैं।
आचार समिति के अध्यक्ष पद पर आएंगे आडवाणी
अब खबर सामने आ रही है कि बीजेपी सांसद लालकृष्ण आडवाणी को लोकसभा सदन की आचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
गौरतलब है कि आडवाणी इससे पहले भी आचार समिति के अध्यक्ष रह चुके है।
गौरतलब है कि अगर बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी इस पद पर आते हैं तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है। इसके साथ मोदी कैबिनेट के अन्य मंत्री भी मुश्किल में आ सकते हैं।
बीजेपी के लिए बन सकता है मुसीबत का कारण
आपको बता दें कि आचार समिति संसद के सदस्यों के आचार व्यवहार संबंधी शिकायतों पर काम करती है और पार्टी में ऐसे नेताओं की कोई कमी नहीं है जो आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले लाल कृष्ण आडवाणी पार्टी के लिए अहम् भूमिका निभाने वाले हैं।