आप यहाँ पर हैं
होम > इंडिया (India) > बीएसएनएल के बाद अब यह सरकारी कंपनी बंद होने के कगार पर, 45000 नौकरियों पर पड़ेगा असर

बीएसएनएल के बाद अब यह सरकारी कंपनी बंद होने के कगार पर, 45000 नौकरियों पर पड़ेगा असर

मोदी सरकार के पिछले पांच साल के राज में कई सरकारी कंपनियों का वजूद शक के घेरे में आ गया है. एक तरफ़ जहाँ रिलायंस जैसी कंपनियों का नरेंद्र मोदी ख़ास ख्याल रखतेे हैं तो वहीँ दूसरी तरफ BSNL और MTNL जैसी सरकारी कंपनियां घाटे में जा रही हैं.

Image result for mtnl will be closed

महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) की लेटेस्ट ऑडिटर रिपोर्ट के मुताबिक, इस सरकारी कंपनी को घाटा झेलना पड़ रहा है और इसके नेट वर्थ को भी भारी नुकसान पंहुचा है. रिपोर्ट की मानें तो इस कंपनी के आगे और काम करने की क्षमता पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. MTNL के घाटे उसके एसेट्स (ASSETS) से कही ज़्यादा बढ़ गए हैं.

ये ध्यान देनी वाली बात है कि MTNL का सबसे ज़्यादा नुकसान पिछले पांच सालों में हुआ है जब नरेंद्र मोदी की सरकार थी. एक साल में ही इस कंपनी का 3390 करोड़ का घाटा हुआ है.

इसी कंपनी को वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 7838 करोड़ का फायदा हुआ था और उस वक़्त UPA सरकार थी. यानी कि बाकि सरकारी कंपनियों की तरह MTNL भी कांग्रेस के शासनकाल में ज़्यादा फायदे में रही थी.

इसी पर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा, ” बीजेपी की पॉलिसी- क्रोनिएस को बहकाओ और PSU’s को खत्म करो. सरकारी कंपनी MTNL बंद होने की कगार पर है. 45000 जॉब्स खतरे में हैं. “

इस साल का रेवेन्यु पिछले साल से 16% कम होकर 1987.80 हो गया है. ये आंकड़ा पिछले छह सालों में सबसे कम है.

इन रिपोर्ट्स से तो यही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया में सरकारी कंपनियों के अच्छे दिन नहीं आए हैं.

Leave a Reply

Top