अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के इलाज बालतदबीर शोबे के ज़ेरे एहतेमाम मुल्क के मुख्तलिफ तिब्बिया कॉलेजों के इसातजह के लिए मुनाकिदह कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन के इखततामी व तकसीम असनाद जलसा से ख़िताब करते हुए मेहमान खुसूसी अमेरिका के बोस्टन में मौजूद हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विसिटिंग प्रोफेसर अशोक कुमार ने कहा कि आज मग़रिब का रुजहान भी आयुर्वेदिक, यूनानी और चीनी तरीके के इलाज की तरफ हो रहा है.
ऐसे में ज़रुरत इस बात की है कि इन तरीकों से इलाज से जुड़े स्टूडेंट्स इन को साइंसी अंदाज़ में पेश करें. उन्हों ने कहा कि नया इलाज का तरीका के जहां बेशुमार क्रोनिक बीमारियों का इलाज अगर नए तरीके में मौजूद नहीं है लेकिन इनका इलाज यूनानी और आयुर्वेदिक में मौजूद है और इस को बैनुल अकवामी सतह पर इख़्तियार किया जा रहा है. प्रोफेसर अशोक कुमार ने यूनानी और आयुर्वेदिक दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल की ज़रुरत पर भी ज़ोर दिया. मेहमान आज़ाज़ी सीसी आईएम नई दिल्ली की नायेब सदर प्रोफेसर शगुफ्ता अलीम ने कहा कि सीएमई से स्टूडेंट्स के इल्म में इज़ाफा होगा और इससे इदारों के तालीमी मैयार को बढ़ाने में भी मदद मिलती है. अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर सऊद अली खान ने कहा कि अजमल खान तिब्बिया कॉलेज का यूनानी इलाज का तरीका फायेदेमंद साबित हो रहा है. सात रियासतों के तकरीबन 25 स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया.