एलिस्टर कुक जो कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान हैं उन्होंने टेस्ट मैच की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया है. ऐसा कुक ने 59 टेस्ट मैचों में कप्तानी करने के बाद किया है. जबकि वह एक खिलाड़ी के तौर पर इंग्लैंड की टीम में खेलते रहेंगे. भारत से इंग्लैंड टेस्ट सीरीज 0-4 से हार गयी जिसके कारण कुक ने कप्तानी छोड़ने का फैसला ले लिया. कुक अगस्त 2012 में कप्तान बने थे और उन्होंने सबसे ज्यादा टेस्ट मैच में कप्तानी की थी. जब कुक कप्तान थे तब इंग्लैंड ने एशेज़ सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया को 2013 और 2015 में हराया था. उनकी कप्तानी के दौरान इंग्लैंड ने 2012 में भारत और दक्षिण अफ़्रीका में जीत हासिल की. टेस्ट मैच के साथ साथ कुक ने 69 वनडे मैचों में भी कप्तानी की है.
कुक ने कप्तानी छोड़ने पर कहा, ‘क़रीब 5 साल तक इंग्लैंड टीम की कप्तानी करना मेरे लिए सम्मान की बात रही. कप्तानी छोड़ना मेरे लिए एक मुश्किल फ़ैसला रहा लेकिन ये मेरे और टीम के लिए सही फ़ैसला है.’ वनडे की कप्तानी भी कुक को दबाव में छोड़नी पड़ी थी जिसके बाद इयोन मोर्गन ने वनडे टीम की कमान संभाली. कुक की कप्तानी में भी पिछले कुछ समय से इंग्लिश टीम का प्रदर्शन लगातार गिरता रहा जिसकी वजह से उन्हें हटाने की मांग बढ़ने लगी थी. माना जा रहा है कि चार साल से ज़्यादा समय तक इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान रहे कुक की जगह जो रूट को टीम की कमान दी जा सकती है. पिछले साल भारत दौरे पर टेस्ट में मिली हार के बाद कुक पर कप्तानी छोड़ने का दबाव बढ़ गया और बल्ले से सफल रहे रूट को कप्तान बनाने की मांग होने लगी. भारत के खिलाफ पांच टेस्ट की सीरीज में इंग्लैंड को 0-4 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. रूट इंग्लिश टेस्ट इतिहास के 80वें कप्तान बनते हैं तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती एशेज़ सीरीज़ होगी जो इसी साल नवंबर में शुरू होगी.
कुक ने इस्तीफ़ा देने से पहले इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन कॉलिन ग्रेवेस (Colin Graves) से बात करने की और एक खिलाड़ी के तौर पर खेलते रहने की इच्छा जताई. 32 साल के कुक ओपनिंग बल्लेबाज़ हैं और उनके नाम पर 140 टेस्ट में 11 हज़ार से ज़्यादा रन हैं. कुक 2012 में विज्डन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर भी रह चुके हैं और 2013 और 2015, 2016 में आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट कप्तान बनने का गौरव भी हासिल कर चुके हैं.