आप सभी गुजरात में हुए जाने-माने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस के बारे में तो जानते ही होंगे. आपको बता दें कि तकरीबन हर व्यक्ति उस केस के बारे में हर चीज जानता होगा.
अमित शाह थे सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के मुख्य आरोपी
आपको यह बात जानकर काफी हैरानी होगी कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस मामले में दोषी पाए गए थे. वैसे तो सभी जानते हैं कि सोहराबुद्दीन एक गैंगस्टर था जिसका एनकाउंटर करवाने के पीछे अमित शाह का हाथ था ऐसा लोग मानते हैं.
आपको बता दें कि इसी मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने अमित शाह के खिलाफ कत्ल, अपहरण, सबूत मिटाने, साजिश रचने जैसे गंभीर आरोपो के तहत चार्जशीट भी फाइल की थी. इस मामले पर सुनवाई होने से पहले ही सीबीआई जज बृजगोपाल लोया की अचानक हुई मौत के कारण हर कोई हैरान था.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील ने दिया ऐसा बयान जिससे बढ़ी अमित शाह की मुश्किलें
आपको बता दें कि इन सारे आरोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील जिनका नाम दुष्यंत दवे है उन्होंने अमित शाह के खिलाफ बयान देते हुए अमित शाह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
उन्होंने यह बात भी कही,’सीबीआई के विशेष जज रहे जस्टिस बीएच लोया की रहस्यमय मौत के मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस अरुण मिश्रा के बीजेपी के शीर्ष नेताओं से करीबी संबंध हैं.’
उन्होंने यह भी कहा,’हर कोई जानता है कि जस्टिस अरुण मिश्रा के बीजेपी और शीर्ष राजनेताओं के साथ करीबी संबंध हैं. ऐसे में जस्टिस अरुण मिश्रा को लोया केस की सुनवाई नहीं करनी चाहिए.’
आपको बता दें कि उनके इस खुलासे के बाद जज लोया केस में जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला की ओर से भी एक बयान सामने आया है. उन्होंने भी जांच पर सवाल उठाये और कहा,’वकील दवे ने उनसे पहले भी कहा था कि जस्टिस अरुण मिश्रा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के ‘गुर्गे’ हैं और उनके नेतृत्व वाली बेंच को इस केस की सुनवाई नहीं करनी चाहिए.’