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मीट बैन के ख़िलाफ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति ज़मीरउद्दीन शाह ने उठाया यह बड़ा कदम

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति ज़मीरउद्दीन शाह ने कहा है कि एएमयू में भैंस के मांस की कमी होने के कारण यहाँ के छात्रों में असंतोष पैदा होने की आशंका है। उन्होंने यह बात भी कही कि गोश्त यहाँ के छात्रों को बहुत पसंद है। योगी सरकार के द्वारा मीट बैन करने के कारण यहाँ के छात्रों को बहुत ज़्यादा समस्या हो रही है और इसी समस्या को देखते हुए कुलपति ज़मीरउद्दीन शाह ने कमेटी गठित की है जो वेंडर माध्यम से स्लॉटर हाउस से गोश्त ख़रीदेगी।

जैसा कि आप सब जानते हैं कि अवैध कटान का असर एएमयू तक पहुंच गया है। आपूर्ति न होने से छात्रों की थाली से मीट गायब हो गया है। हॉल के सभी डायनिंग में दाल-सब्जी, छोले-चावल व रोटी से काम चलाया जा रहा है। एएमयू के 19 हॉल में 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं रहते हैं। मैन्यू के हिसाब से छात्रों को सप्ताह में तीन से चार दिन मीट भी परोस जाता है।

जो छात्र मीट नहीं खाते हैं, उन्हें उनके अनुसार भोजन दिया जाता है। खुदरा मीट कारोबारियों के हड़ताल पर जाने से एएमयू के हॉल में मीट की आपूर्ति नहीं हो पा रही। छात्रों को दाल-सब्जी, छोले-चावल परोसे जा रहे हैं। इंतजामिया ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो मीट की सप्लाई के लिए लाइसेंसधारी वेंडरों से संपर्क स्थापित करेगी। डीन स्टूडेंट वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) प्रो. जमशेद सिद्दीकी के अनुसार अल्लाना समेत तीन मीट फैक्ट्रियों से बात चल रही है। जल्द ही वहां से आपूर्ति की जाएगी। एएमयू के एक हॉल में 50 किलो मीट की जरूरत पड़ती है।