प्रमुख टीवी चैनल ‘आज तक’ पर आज एक डिबेट के दौरान भाजपा और कांग्रेस प्रवक्ता आमने सामने थे। मुद्दा था कि क्या चुनाव में सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है? डिबेट को संचालित कर रही थी एंकर अंजना ओम कश्यप।
भाजपा की ओर से प्रवक्ता थे गौरव भाटिया, जबकि कांग्रेस प्रवक्ता थे रोहन गुप्ता। अंजना ने सवाल पूछा कि, एक पूरी पार्टी एक परिवार की जागीर कैसे बन सकती है? पार्टी नेतृत्व को खुश करने के लिए कांग्रेस नेता क्या से क्या बोल रहे हैं? और अब कांग्रेस ईवीएम के बाद सोशल मीडिया को हार का कारण मान रही है?
तो जैसा की सभी जानते हैं कांग्रेस प्रवक्ता सवाल कम सुनते हैं, अपनी बात ज्यादा धुनते हैं। अंजना ने सवाल पूछा था क्या..जबकि कांग्रेस प्रवक्ता रोहन गुप्ता अपनी ही बात कहने में व्यस्त हो गए, आइए जानते हैं क्या कहा महोदय ने?
अंजना के सवाल पर रोहन ने कहना शुरू किया कि, “देखिए अंजना जी! जो तोते होते हैं न, उनको ट्रेनिंग दिया जाता है कि आपको यही बोलना है। तो कोई भी सब्जेक्ट हो, भाजपा प्रवक्ता तोते की तरह बोलते हैं। सब्जेक्ट को छोड़ कर खाली सोनिया-राहुल, सोनिया-राहुल करते रहते हैं।
बीजेपी प्रवक्ताओं की यह मजबूरी है, उनकी पार्टी ने यही सिखाया है कि तोते की तरह नफरत कैसे फैलाएंगे।“ हालांकि, इसके बाद उन्होंने सवाल को एड्रेस किया और कहा कि सोशल मीडिया वाली रिपोर्ट एक इंटरनेशनल रिपोर्ट पर आधारित है।
फेसबुक पर एक प्लेटफॉर्म ने 170 ऐसे एड दिखाए जो क्वालीफाई नहीं करते थे। इसके अलावा रोहन गुप्ता ने कहा कि 2019 से भाजपा की नीति रही है या तो कोई प्यार से माने या प्रेशर से। यही नहीं, रोहन ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस समर्थित पेज को बंद कराया ताकि अपनी नफरत वाली राजनीति बढ़ा सके।
रोहन के इन आरोपों को ध्यान से सुनने के बाद गौरव भाटिया ने जवाब देना शुरू किया और कहा कि,”देखिए अंजना जी! आज की कांग्रेस जो है, वो बड़ी कंफ्यूज्ड कांग्रेस है। इनकी हर बात में विरोधाभास दिखता है। सबसे पहले इन्होंने कहा कि सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर ये सभी भारत की राजनीति को निर्धारित कर रहा है। तो कांग्रेस को तो चाहिए कि फेसबुक और ट्विटर को कांग्रेस को तुरंत छोड़ देना चाहिए।
याद करिए कि कुछ माह पहले जब भाजपा नेताओं के पोस्ट को ट्विटर ने मैनुपुलेटेड मीडिया करार दिया था तो कांग्रेस नेता किस तरह से अभिव्यक्ति के आजादी का पैरोकारी कर रहे थे। ये जो नीली चिड़ीया(ट्विटर) है न, वो अभिव्यक्ति की आजादी मांग रही है, इसको छेड़ो मत।
लेकिन आज ये नीली चिड़ीया खराब हो गई है। याद रखिए कि ये जो सोशल मीडिया है, ये हमारे देश के कानून से ऊपर नहीं है। कुछ दिन पहले हमने इसको लेकर कानून बनाया था तो कांग्रेस ने उसका विरोध किया था, कहा था कि उनकी निगरानी करना सही नहीं है। और आज देखिए कि कुछ अलग ही सुर अलापा जा रहा है।“ गौरव जब अपनी बात रख रहे थे तो कांग्रेस नेता के चेहरे पर परेशानी की लकीरें साफ देखी जा सकती थी।