हम आपको बता दें कि आरबीआई ने महाराष्ट्र स्थित दी कराड जनता सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब यह बैंक बैंकिंग व्यवसाय नहीं कर पायेगा।
इसका मतलब ये हुआ कि अब दी कराड जनता सहकारी बैंक ग्राहकों का जमा या जमा का पुनर्भुगतान नहीं कर सकेगा। हालांकि, बैंक में रकम जमा करने वाले ग्राहकों की चिंता दूर करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि डिपॉजिटर्स को पूरा भुगतान किया जाएगा।
रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक के डिपॉजिटर्स में से 99 प्रतिशत से अधिक को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (DICGC) से उनका पूरा भुगतान मिलेगा। DICGC भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है।
DICGC के नियमों के मुताबिक, कोई बैंक डूब या बंद हो जाता है तो उस बैंक में ग्राहकों की 5 लाख रुपये तक की जमा रकम सिक्योर्ड है। बहरहाल, लाइसेंस रद्द करने और परिसमापन कार्रवाई शुरू होने के साथ दी कराड जनता सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जायेगी।
क्यों की गई कार्रवाई: रिजर्व बैंक ने पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के कारण यह कार्रवाई की है। बीते कुछ समय से महाराष्ट्र में एक के बाद एक कई सहकारी बैंकों पर रिजर्व बैंक कार्रवाई कर चुका है।
इसी साल मई में मुंबई स्थित CKP सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था। हाल ही में महाराष्ट्र के जालना जिले में मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर भी आरबीआई ने छह माह की पाबंदी लगाई है।
मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, आरबीआई की अनुमति के बिना छह माह तक कोई कर्ज या उधार नहीं दे सकेगा और न ही पुराने कर्जों का नवीनीकरण कर सकेगा। बैंक पर नई जमा राशि स्वीकार करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। वहीं, सितंबर 2019 में रिजर्व बैंक ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव यानी पीएमसी बैंक में हो रहे कथित घोटाले का पता चलने पर पाबंदी लगा दी थी।