वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि भारत में विकास दर में वृद्धि हुई है और देश को अगले दो दशकों में बुनियादी ढांचे में भारी निवेश करना होगा।
एक पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, “भारत आज, पिछले तीन सालों में, इतिहास में पहले स्थान पर था, यह सबसे तेज़ी से बढ़ रही प्रमुख अर्थव्यवस्था रही है और हम उम्मीद करते हैं कि पहली बार हम एक मध्य-आय अर्थव्यवस्था और बाद में, हम एक विकसित अर्थव्यवस्था में स्नातक हैं। यह आर्थिक रूपरेखा है जो हमारे लिए है।”
अरुण जेटली ने कहा, “भारत ने खुद को सामान्य रूप से 7 से 8 फीसद के बीच विकास दर के लिए मानकीकृत किया है। अगर यह गिरावट का रुख करेगा तो 7 के आसपास रहेगी और वहीं अगर इसमें तेजी का रुख हुआ तो यह 8 फीसद की विकास दर से बढ़ेगी। जीडीपी के मामले में यह पहले से ही 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के करीब है।”
यह आंकलन करते हुए कि देश में महंगाई की डबल डिजिट ग्रोथ अब पुराने दौर की बात हो चुकी है अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने वैधानिक रुप से 4 फीसद का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा, “हम अपने चालू खाता घाटे को नियंत्रण में रखने में सक्षम हैं और पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अपने राजकोषीय घाटे को कम करने में सक्षम होने के मामले में आदर्श प्रदर्शन किया है।”
आपको बता दें कि आज (30 नवंबर 2017) को जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाने हैं। जीडीपी के ये आंकड़े जुलाई से सितंबर तिमाही के होंगे। आपको बता दें कि अप्रैल से जून तिमाही के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ 5.7 फीसद के साथ तीन साल के निचले स्तर पर चली गई थी। हालांकि इस तिमाही के जीडीपी प्रदर्शन के बेहतर होने के अनुमान लगाए गए हैं। गौरतलब है कि जीडीपी ने बीती 5 तिमाहियों से लगातार गिरावट दर्ज की है।