दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के लिए आम आदमी पार्टी की घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस दौरान उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने पर जोर डाला।
मैनिफेस्टो जारी करते हुए केजरीवाल ने दिल्ली के कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस संग गठबंधन पर भी अपना बयान दिया। केजरीवाल ने कहा, ‘गठबंधन करने की उनकी इच्छा नहीं थी। रोज बात करके शर्तें बदलते थे।
गुलाम नबी आजाद ने संजय सिंह को बुलाया और सब तय हो गया। अगले दिन संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 18 सीटों पर ऐलान तय था, लेकिन उनको फोन करते रहे लेकिन फिर उन्होंने शर्तें बदल दीं।”
सीएम केजरीवाल ने आगे बताया, ”हमने फिर शर्त मंजूर की, लेकिन फिर उन्होंने हरियाणा चंडीगढ़ के लिए मना कर दिया। इससे साफ था कि वो गठबंधन नहीं चाहते थे। राहुल जी बताएं ट्विटर पर आज तक कौनसा गठबंधन हुआ है? अखबार में हेडलाइन बनाकर कौनसा गठबंधन हुआ है?
आज दिल्ली में कांग्रेस के लिए सीट छोड़ भी दें, तो कांग्रेस जीत नहीं सकती। दिल्ली में कांग्रेस के लिए सीट छोड़ना बीजेपी को सीट देना है और वो मैं नहीं कर सकता। कोई हिन्दू कांग्रेस को वोट नहीं दे रहा। मुसलमानों में थोड़ा कन्फ्यूजन है। उम्मीद करता हूं कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई अपना वोट बंटने मत देना।”
गठबंधन पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”आज दिल्ली में हमारे पर दो चुनौतियां हैं। कांग्रेस दिल्ली में एक भी सीट जीत नहीं सकती।
हम सातों सीटे छोड़ देते, अगर कांग्रेस जीतने की स्तिथि में होती। आज हम इस स्थिति में है कि आम आदमी पार्टी सातों सीट पर बीजेपी को हरा सकती है। दिल्ली वालों से अपील है कि पीएम बनाने के लिए वोट मत देना, दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए वोट देना।”