हम आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने राजधानी को प्रदूषण की मार से बचाने के लिए इलेक्ट्रिक बस दौड़ाने की योजना पर काम करना शुरु कर दिया है। आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत शुक्रवार को इसके ट्रायल की शुरुआत की गई।
इंद्रपुरी से अंबेडकर नगर के बीच रूट नंबर-522 पर चलने वाले पहली बस को परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। करीब 24 किमी लंबे रूट पर इलेक्ट्रिक बस दिनभर में छह चक्कर लगाएगी।
बस रवाना करने के बाद कैलाश गहलोत ने मीडिया को बताया कि बस का ट्रायल तीन महीने तक चलेगा। जबकि दिसंबर के आखिर तक डिम्ट्स (दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम) इस बारे में अपनी रिपोर्ट विभाग को देगा। ट्रायल रन को ज्यादा व्यावहारिक बनाने के लिए इलेक्ट्रिक बस को अलग-अलग रूट पर चलाया जाएगा। इससे मिले अनुभवों के आधार पर सरकार क्लस्टर स्कीम में 1000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए निविदा जारी करेगी।
दिल्ली सरकार ने बताया ये इलेक्ट्रॉनिक बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इसमें सीसीटीवी कैमरा, GPS , पैनिक बटन जैसी सभी सुविधाएं हैं। इसके अंदर चालक के पास एक छोटी स्क्रीन होगी, जिस पर कैमरों की फुटेज देखी जा सकेगी। सभी बसों पर CCTV और GPS के जरिये हरपल नजर रखी जायेगी। पैनिक बटन दबाने पर तुरन्त हेडऑफिस पर ऑटोमैटिक सूचना पहुंचेगी। GPS से 24 घण्टे ट्रैक होने के कारण बस किस स्थान पर मौजूद है इसका का आसानी से पता चल जाएगा। इसके अलावा फास्ट चार्जिंग का इंतजाम है। इससे एक घंटे के अंदर बस फुल चार्ज हो जाएगी। चार्जिंग पूरी होने पर यह करीब 220 कि मी चलेगी। अभी बस की परिचालन लागत करीब 7 रुपये प्रति किमी बैठ रही है।