असदुद्दीन ओवैसी जो कि नई दिल्ली,मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख हैं उन्होंने अवैध बूचड़खानों को बंद होने के कारण अफ़सोस जताया है और यह बात कही कि योगी सरकार ख़ास समुदाय के लोगों को अपना निशाना बना रही है। असदुद्दीन ओवैसी जो कि पार्टी चीफ हैं उन्होंने यह बात भी कही कि अचानक से यह फैसला लेना ठीक नहीं है क्योंकि यह एक आर्थिक मामला है और उन्होंने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने यह बात भी कही कि सरकार को इस तरह से जल्दबाज़ी में अवैध बूचड़खानों को बंद नहीं कराना चाहिए बल्कि उनके चेकिंग के लिए उनके मालिकों को समय देना चाहिए।
सांसद ओवैसी ने कहा, ‘यह पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार की गलती है कि उसने बूचड़खानों को नियमित नहीं किया। नई सरकार को उन्हें बंद करने की बजाय नियमित किए जाने के लिए समय देना चाहिए।’ ओवैसी ने कहा, ‘रातोंरात फैसला लेना सही नहीं है। यह एक आर्थिक मुद्दा है। इससे जुड़े लोगों को बड़ा नुकसान होगा। अगर यह अवैध है तो इसे वैध बनाना चाहिए या वैध बूचड़खानों की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए ताकि इससे कोई आर्थिक बाधा उत्पन्न न हो।
उन्होंने कहा, ‘यदि सरकार काला धन जमा रखने वालों को अपनी संपत्ति घोषित करने और उसे वैध बनाने का समय दे सकती है, तो फिर बूचड़खानों को नियमित करने के लिए समय क्यों नहीं दिया जा सकता? इसका अर्थ यह है कि वे किसी खास समुदाय को निशाना बना रहे हैं।’
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश में न केवल अवैध, बल्कि कुछ वैध बूचड़खाने भी बंद किए जा रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि भारत से भैंस के मांस के निर्यात का कारोबार 26,000 करोड़ रुपये का है और आधी से भी ज्यादा निर्यात इकाइयां उत्तर प्रदेश में हैं। ओवैसी ने कहा, ‘सरकार के इन कदमों से आर्थिक समस्याएं पैदा होंगी। क्या सरकार इन निर्यातों को रोकना चाहती है? यदि ऐसा होता है तो पांच से 10 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे।